चंडीगढ़। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल दवा पर देशभर में रोक लगा दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कदम हरियाणा के भिवानी में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण आने के बाद उठाया है। ऑपरेशन में इस्तेमाल दवा का हरियाणा में मौजूद पूरा स्टॉक फ्रीज कर दिया गया है। प्रदेश के ड्रग नियंत्रक के अलावा केंद्रीय एजेंसियों ने दवा के सैंपल एकत्रित किए हैं। दवा का बैच नंबर, उसका नाम व सॉल्यूशन के बारे में हरियाणा सरकार ने केंद्र को अवगत कराया है। इसके बाद ही केंद्र सरकार ने इस दवा को देश में कहीं भी इस्तेमाल न करने पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है। देश में यह दवा जहां भी इस्तेमाल हो रही है या इसका स्टॉक पड़ा है, उसे भी जल्दी फ्रीज कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि स्वास्थ्य निदेशक डॉ. असरूद्दीन, डॉ. सुहल और डॉ. जगदीप की जांच टीम ने भिवानी का दौरा किया है। प्रदेश व केंद्र सरकार की जांच टीमों ने जहां ऑपरेशन हुए हैं, वहां भी संबंधित डॉक्टरों से पूछताछ की है। जांच टीमें अपनी रिपोर्ट जल्दी सौंपेंगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य राजीव अरोड़ा ने कहा कि पीडि़तों की आंखों की रोशनी आने की उम्मीद पूरी तरह बरकरार है। पीडि़तों की आंखों की रोशनी चली गई है, ये अभी नहीं कहा जा सकता। ऑपरेशन के पांच-छह दिन बाद पट्टी खुलने पर विजन के बारे में पता चलेगा। कुरुक्षेत्र में कुछ साल पहले ऐसा ही मामला सामने आया था, उन पीडि़तों की आंखों की रोशनी चंडीगढ़ पीजीआई में ऑपरेशन के बाद आ गई थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण से पीडि़त मरीजों के बारे में पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। पूरे मामले में सरकार सतर्कता बरत रही है। कोई लापरवाही न बरतने के निर्देश सीएम ने स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। सभी के साथ समन्वय बैठाकर रखा जाए, इसलिए चंडीगढ़ में अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।