रांची : झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल में झारखंड हाईकोर्ट में बदइंतदामी पर कड़ा रूख एखतिहार किया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य की सबसे बड़े अस्पताल के पूरी व्यवस्था ध्वस्त होती दिख रहा है।

कोर्ट ने सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स की बदइंतजामी पर गहरी नाराजगी जतायी है। बार-बार के आदेश के बावजूद हालात में कोई सुधार नहीं आया है।

कोर्ट ने रिम्स की अव्यवस्था पर स्वत: संज्ञान लिया था। इस मामले में रिम्स निदेशक को कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब देने को कहा गया था।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मौखिक तौर पर कहा कि रिम्स प्रशासन में खुद बदलने की इच्छाशक्ति नहीं है।

मरीजों के लिए आवश्यक सामग्री जैसे सिरिंज, कॉटन, ग्लव्स, एक्स रे प्लेट, सिटी स्कैन मशीन की फिल्म तक का अभाव है।

कई जांच मशीनें एक-दो दिन तक चलती हैं, इसके बाद फिर खराब हो जाती हैं। रिम्स में पैथोलॉजी जांच की जांच की कीमत काफी कम होती है वहीं निजी लैब में इसकी 4 से 5 गुनी अधिक राशि की वसूली की जाती है।

जांच मशीनों के खराब रहने से राज्य की जनता को इलाज के दौरान काफी खर्च वहन करना पड़ रहा है। इस अव्यवस्था पर कोर्ट अपनी आंखें बंद नहीं रख सकता है।

कोर्ट के रिम्स के चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी सवाल उठाया। कहा कि वे निजी प्रैक्टिस भी करते हैं और नन प्रैक्टिस अलाउंस भी लेते हैं।