हिसार। रैगिंग, इस शब्‍द से भला कौन वाकिफ नहीं है। सुनने में यह शब्‍द भले ही छोटा है, लेकिन इसकी असलियत बहुत ही दुखद और भयावह होते हैं। वैसे तो सभी शिक्षण संस्‍थानों और विद्यालयों में पूरी तर‍ह बैन लगाया जा चुका है। मगर फिर भी कुछ सीनियर छात्र विद्यालय में दाखिला लेने वाले नए छात्रों का परिचय लेने की आड़ में उन्‍हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं और उनका उत्‍पीड़न करते हैं। रैगिंग के पीछे छिपी भयावहता को वे ही छात्र समझ सकते हैं जो इसके शिकार हुए हैं। आधुनिकता के साथ रैगिंग के तरीके भी बदलते जा रहे हैं।

आज हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की थर्ड ईयर की स्टूडेंट ने मेडिकल कॉलेज की पहली मंजिल से कूदकर सुसाइड का प्रयास किया। यह स्टूडेंट अपनी दो सीनियर्स की रैगिंग से आहत थी। जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। छात्रा को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। उसे रीढ़ की हड्डी में चोट आई है और हाथ टूट गया है। पीड़िता ने बताया कि उसने 2018 में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया था।

2017 बैच की दो लड़कियों ने दाखिले के 15 दिन बाद ही रैगिंग के नाम पर उसकी प्रताड़ना शुरू कर दी। सीनियर दिव्यांशी व दीपिका रात को जबरदस्ती उसे हॉस्टल की छत पर लेकर जाती है। उसके कपड़े उतरवाकर उसके साथ अश्लील तरीके से छेड़छाड़ करती थी। उसने इसकी मौखिक शिकायत वार्डन को भी की थी। दोनों ने उसको धमकी दी कि अगर तूने परिवार के लोगों को बुलाया, तो हॉस्टल की छत से गिराकर जान से मार देंगे।

छात्रा को धमकी दी कि तुझे एमबीबीएस में भी फेल करवा देंगे। इस बारे में दोनों लड़कियों की तरफ से सब छात्राओं को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा गया है। छात्रा की मां ने बताया कि दोनों लड़कियों की ओर से उसकी बेटी से हॉस्टल में शराब मंगवाई जाती थी। जिस बारे में उसने वार्डन को शिकायत भी की थी।

अग्रोहा मेडिकल कॉलेज की निदेशक अलका छाबड़ा से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बना दी गई है। जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।