रोहतक। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का डर सताने लगा है। ऐसे में जिला प्रशासन ने भी अपनी कमर कस ली और सभी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए आज रोहतक के जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज व एसपी राहुल शर्मा ने अस्पतालों का दौरा किया। जिला उपायुक्त का कहना है कि हम हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और फिलहाल रोहतक पीजीआई रोहतक सिविल हस्पताल में ऑक्सीजन का प्लांट लगवाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए सर्वे भी करवा दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल रोहतक जिले में ऑक्सीजन की स्थिति बेहतर है। वहीं एसपी राहुल शर्मा ने लोक डाउन के दौरान लोगों को चेतावनी दी कि बेवजह अगर घर से बाहर निकले तो पुलिस सड़क पर उनका इंतजार कर रही है।

जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज ने कहा कि तीसरी लहर के आने के अंदेशे के चलते जिले में पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है और कहां पर कितने बेड की जरूरत पड़ेगी यह सभी तैयारियां हो चुकी है। साथ ही उन्होंने भगवान से गुजारिश की कि ऐसी नौबत ना आए। उन्होंने कहा कि एक रूरल सर्वे भी करवाया गया है। जहां पर पिछले दिनों ज्यादा कैजुअल्टी हुई हैं, वहां स्पेशल ध्यान रखा जा रहा है। लेकिन इससे बचने का एक ही उपाय है कि लोग मास्क पहने सोशल डिस्टेंसिंग रखें और अपने हाथों को सैनिटाइज करें। ताकि हस्पताल में जाने की नौबत ना पड़े।

जिला उपायुक्त ने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि रोहतक पीजीआई और रोहतक सिविल हस्पताल में ऑक्सीजन का कोई प्लांट लग सके। इसके लिए एक सर्वे भी करवाया गया है। फिलहाल जिले में ऑक्सीजन की स्थिति काफी बेहतर है और अगले दो-तीन दिन में और भी बेहतर होने की उम्मीद है। कई बार ऑक्सीजन सप्लाई या प्लांट में दिक्कत आने की वजह से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। आइसोलेशन सेंटर की ज्यादा जरूरत अभी नहीं है, अगर जरूरत पड़ी तो तुरंत हजार पंद्रह सौ बेड का आइसोलेशन सेंटर वह तैयार कर देंगे।
वहीं एसपी राहुल शर्मा ने कहा कि अभी तक हम लोगों को घर में रहने के लिए समझा रहे थे। लेकिन अब सख्ती बढ़ा दी है चालान किए जा रहे हैं और एफ आई आर दर्ज की जा रही है।

उन्होंने लोगों से अपील की कि बेवजह घर से बाहर नहीं निकले। अगर घर से बाहर निकलेंगे तो पुलिस सड़क पर उनका इंतजार कर रही है। वहीं उन्होंने बताया कि रोहतक जिले में हरियाणा पुलिस की डायल112 नम्बर 20 गाड़ियां आई थी, वह उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के लिए एंबुलेंस के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए दे दी हैं। जिसमें सामान्य मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सकता है।