नई दिल्ली : बद्दी और जीरकपुर में स्थापित जैनेट फार्मा कंपनी के मालिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जैनेट फार्मा के पार्टनर विकास मीणा को पकड़ने के लिए राजस्थान में तीन जगह दबिश दी.
उसके ऊपर लाखों की प्रतिबंधित और नशीली दवाएं बिना दस्तावेज बेचने का आरोप है. टीम ने जयपुर, सीकर के अलावा आरोपी के ससुराल दोसा में भी दबिश दी.
इससे पहले आरोपी विकास को पकड़ने के लिए टीमें करनाल में भी दबिश दे चुकी है. उधर, सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने फार्मा कंपनी के मालिक दिनेश बंसल और मैनेजर सोहन साहनी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. दोनों न्यायिक हिरासत पर हैं.
एनसीबी की जांच में खुलासा हुआ कि जैनेट फार्मा कंपनी ने विकास मीणा के नाम पर मंडी के मेडिकोज फर्म के नाम से प्रतिबंधित दवाइयों के परचेज ऑर्डर के फर्जी बिल काटे थे.
इसमें 16 लाख से लेकर चार लाख तक के फर्जी बिल थे. फर्म के रिकॉर्ड के मुताबिक तीन सालों में 70 से 90 हजार से कोई भी बड़ा बिल नहीं है.
तीन दिसंबर 2021 को एनसीबी के अधिकारियों ने बद्दी की जैनेट फार्मा कंपनी की होल सेल की दुकान से कंपनी के संचालक दिनेश बंसल और मैनेजर सोहन साहनी को प्रतिबंधित दवाएं बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था.