मेरठ। एक तरफ पूरे देश में मंगलवार तक कुल कोरोना मामलों की संख्या 145,380 पहुंच गई है। वहीं कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 4167 तक पहुंच गया है। यूपी में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन सबके बीच मेरठ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां गुरुग्राम, हरियाणा की एक प्राइवेट लैब पर कोरोना की गलत जांच रिपोर्ट देने का आरोप लगा है। मामले में जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए लैब का लाइसेंस निरस्त करने को लेकर शासन को संस्तुति कर दी है। उत्तर प्रदेश में ये अपने आप में पहला मामला माना जा रहा है।
दरअसल, प्राइवेट लैब की जांच में कोरोना पॉज़िटिव पाए गए 8 लोगों की रिपोर्ट दोबारा जब सरकारी लैब में जांची गई तो उनमें से 6 निगेटिव पाए गए। इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में ह़ड़कम्प मच गया। आनन-फानन में कोरोना वार्ड में भर्ती इन 6 स्वस्थ लोगों को फौरन शिफ्ट किया गया। अब 5 दिन बाद इनकी जांच दोबारा की जाएगी।
दरअसल, प्राइवेट लैब की जांच में कोरोना पॉज़िटिव पाए गए 8 लोगों की रिपोर्ट दोबारा जब सरकारी लैब में जांची गई तो उनमें से 6 निगेटिव पाए गए। इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में ह़ड़कम्प मच गया। आनन-फानन में कोरोना वार्ड में भर्ती इन 6 स्वस्थ लोगों को फौरन शिफ्ट किया गया। अब 5 दिन बाद इनकी जांच दोबारा की जाएगी।

बागपत रोड पर मॉर्डन लैब एंड डॉयगनोस्टिक सेंटर नाम के 2 सेंटर हैं। यह गुरुग्राम की कम्पनी है। यहां कोविड-19 की जांच के लिए प्रति मरीज़ 4800 रुपये लिए जाते हैं। अब तक कोविड-19 को लेकर 1253 जांच हो चुकी हैं। इनमें से 24 की रिपोर्ट पॉज़िटिव पाई गई है। कुछ दिन पहले एक महिला के सैंपल की जांच की गई थी तो वो निगेटिव पाई गई। जबकि इसी लैब ने महिला की जांच रिपोर्ट भी पॉज़िटिव बताई थी।
फर्ज़ीवाड़े के शक में मॉडर्न लैब के अन्य 8 सैंपल की जांच 24 मई को मेरठ मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में कराई गई। इनमें से 6 सैंपल निगेटिव मिले हैं, जबकि निजी लैब में ये सभी सैंपल 21 मई को पॉज़िटिव पाए गए थे। साफ है कि सैंपल की जांच में लापरवाही या गड़बड़ी हुई है। इस प्राइवेट लैब के कर्मचारी मेरठ से कलेक्शन करते हैं और गुरुग्राम में इसकी जांच होती है। इस लैब को शासन से सैंपल जांच की अनुमति मिली है। प्रशासन ने इस बड़े खुलासे पर जांच शुरू कर दी है. इस लैब का लाइसेंस निरस्त करने के लिए डीएम मेरठ अऩिल ढींगरा ने शासन को संस्तुति भेजी है।
फर्ज़ीवाड़े के शक में मॉडर्न लैब के अन्य 8 सैंपल की जांच 24 मई को मेरठ मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में कराई गई। इनमें से 6 सैंपल निगेटिव मिले हैं, जबकि निजी लैब में ये सभी सैंपल 21 मई को पॉज़िटिव पाए गए थे। साफ है कि सैंपल की जांच में लापरवाही या गड़बड़ी हुई है। इस प्राइवेट लैब के कर्मचारी मेरठ से कलेक्शन करते हैं और गुरुग्राम में इसकी जांच होती है। इस लैब को शासन से सैंपल जांच की अनुमति मिली है। प्रशासन ने इस बड़े खुलासे पर जांच शुरू कर दी है. इस लैब का लाइसेंस निरस्त करने के लिए डीएम मेरठ अऩिल ढींगरा ने शासन को संस्तुति भेजी है।