बैजनाथ (कांगड़ा)। बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसन एंड सर्जरी) की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को अब प्रेक्टिस से पूर्व एग्जिट टेस्ट पास करना होगा। यह व्यवस्था अगले सत्र से लागू होने जा रही है। इस बात का खुलासा केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने किया। वह राजीव गांधी आयुर्वेदिक स्नात्तकोतर शिक्षण संस्थान पपरोला में जीर्ण व्याधियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पहले दवाइयों पर शोध होते थे, अब बीमारियों पर शोध को प्राथमिकता दी जा रही है।
कोटेचा ने कहा कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में 50 बिस्तरों के आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थापना करने जा रही है। प्रदेश सरकार इस संबंध में प्रस्ताव भेजती है तो उसके लिए धन उपलब्ध करवाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पपरोला आयुर्वेद शिक्षण संस्थान में एनआईए (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा) का दर्जा प्राप्त करने की क्षमता है। आयुर्वेद चिकित्सक अपने आप को वैद्य कहने से परहेज करते हैं लेकिन यह पदवी चिकित्सक से ऊपर की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल में आयुर्वेद पर सबसे बढिय़ा काम हो रहा है। संगोष्ठी में प्रदेश के आयुर्वेद निदेशक डा. आरके परुथी ने महकमे की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डा. अशोक सरियाल, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के निदेशक डा. संजीव शर्मा व प्रिंसिपल डा. वाईके शर्मा ने संगोष्ठी को भी संबोधित किया। इस मौके पर मनोज नेसरी सलाहकार भारत सरकार आयुर्वेद, बैजनाथ के एसडीएम डा. मुरारी, डा. एसके शर्मा, ओएसडी दिनेश आदि उपस्थित रहे ।