जयपुर। देश में हर साल करीब 6 लाख स्टूडेंट्स मेडिकल प्रवेश की नीट परीक्षा क्वालीफाई करते हैं, लेकिन प्रवेश 40 हजार को भी नहीं मिलता। ऐसे में नीट क्वालीफाई करने वाले अब विदेश से डिग्री लेंगे तो उनको एमसीआई मान्यता देगा। नए नियम के अनुसार जून माह के बाद बिना नीट क्लियर किए विदेशी संस्थानों में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स की डिग्री को भारत में मान्यता नहीं मिलेगी। एमसीआई ने यह फैसला किया है कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश से वंचित रहने वाले छात्र-छात्राएं यदि विदेश जाकर डॉक्टर की डिग्री लेंगे तो भी उनके लिए नीट क्लियर करना जरूरी है।
देश में एकीकृत मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के लागू होने से पहले यदि किसी छात्र-छात्रा ने विदेश के किसी संस्थान में डॉक्टर की डिग्री के लिए प्रवेश ले लिया, उनको नीट परीक्षा से मुक्त रखा गया है। ऐसे ओल्ड प्रवेश वाले सभी अभ्यर्थी अपनी डिग्री पूरी करने के बाद सीधे भारत आकर प्रेक्टिस कर सकेंगे और उनको एमसीआई मान्यता भी दे सकेगी। एमसीआई के मेंबर डॉ. जीबी गुप्ता ने बताया कि एमसीआई की मीटिंग में तय हुआ है कि अब नए स्टूडेंट्स के लिए विदेश में डिग्री लेने पर भी नीट क्लियर करना आवश्यक होगा। केवल 2016 से पुराने विदेश में प्रवेश वाले स्टूडेंट्स को ही नीट से मुक्त रखा गया है।