उदयपुर। क्षय (टीबी) के मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट ( एमडीआर) श्रेणी के रोगियों के उपचार के लिए सरकार एक रामबाण लेकर आई है। यह संजीवनी बूटी बेडाक्यूलिन है, जो सात समन्दर पार अमरीका से आई है। बेडाक्यूलिन की एक बोटल की कीमत 19 लाख 28 हजार रुपए है, जिसमें 188 गोलियां हैं। प्रत्येक गोली की कीमत 10 हजार 372 रुपए है। यह दवा ऐसे मरीजों के लिए मंगवाई गई है, जिन पर टीबी की दूसरी दवाइयों का उपचार कारगर साबित नहीं हो रहा। फिलहाल उदयपुर जिले के चार रोगियों पर इसका प्रयोग शुरू किया गया है। ये सभी मरीजों को मुफ्त में दी जाएंगी। प्रदेश में क्षेत्र रोग के एमडीआर श्रेणी में पांच हजार मरीज हैं। टीबी की दवाइयां बैक्टीरिया में एन्जाइम को मारती है। लगातार दवा लेने के कारण मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता पैदा होने के कारण दवा का असर होना बंद हो जाता है। इसलिए टीबी इंडिया ने यह नई शुरुआत की है, जिसे रिवाइज्ड नेशनल ट्यूबरक्लॉसिस कंट्रोल प्रोग्रामामेटिक मैनेजमेंट ऑफ ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लासिस (आरएनटीसीपी-पीएमडीटी) ने इसे प्रदेश में लागू किया है। इस दवा का पहले कई देशों में ट्रायल हो चुका है, जिससे परिणाम बेहतर आए हैं।
इसलिए टीबी इंडिया ने यह नई शुरुआत की है, जिसे रिवाइज्ड नेशनल ट्यूबरक्लॉसिस कंट्रोल प्रोग्रामामेटिक मैनेजमेंट ऑफ ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लासिस (आरएनटीसीपी-पीएमडीटी) ने इसे प्रदेश में लागू किया है। इस दवा का पहले कई देशों में ट्रायल हो चुका है, जिससे परिणाम बेहतर आए हैं। प्री ट्रीटमेंट इवेल्यूएशन यानी फिलहाल उदयपुर जिले में चार मरीजों को यह दवा देकर जांचना शुरू कर दिया है कि इसका क्या असर है और कितने साइड इफेक्ट।
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