नई दिल्ली। हाल के दिनों में भारत समेत अनेक देशों के शेयर बाजार अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर के आसपास व्यापार कर रहें हैं। मार्केट में इस बड़ी तेजी का सबसे बड़ा योगदान कोरोना के वैक्सीन की खबरों का रहा हैं। हाल में कुछ प्रतिष्ठित फार्मा कंपनियों द्वारा विकसित किए जा रहें वैक्सीनों के फेज -3 ट्रायल्स में अच्छे नतीजों ने उत्साह की नई किरण दिखाई हैं। स्वाभाविक तौर पर इन अच्छी खबरों का असर मार्केट के साथ इन फार्मा कंपनियों के शेयरों की कीमतों पर भी पड़ा हैं। आइए देखते हैं किस तरह वैक्सीन को लेकर फ्रंट-रनर कंपनियां फाइजर, मॉडरना, एस्ट्राजेनेका और भारत की कैडिला के वैलुएशन के लिए कोविड वरदान साबित हो रहा हैं। गौरतलब है कि भारत की कैडिला भी बाकी देशों की कंपनियों की तुलना में वैक्सीन को लेकर पीछे नहीं हैं। फार्मा कंपनी ने अपने फेज 2 का ट्रायल सफलतापूर्वक खत्म कर लिया हैं। फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल्स भी अब शुरू होने वाले हैं। बाकी वैक्सीनों की तरफ से अच्छे खबरों के बीच इस कंपनी के उत्पाद से भी निवेशकों को काफी उम्मीदें हैं। मार्च के दौरान कोरोना की अनिश्चितताओं को लेकर कंपनी के शेयरों में दिखी कमजोरी के बाद अब यह शेयर 80% तक बढ़ चुका हैं।

वैक्सीन की उम्मीदों को लेकर कंपनी के शेयर अभी अपने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर के पास व्यापार कर रहें हैं। इस दौरान कंपनी का मार्केट कैप मजबूत होते हुए 46,375 करोड़ पर पहुंच चुका हैं। फेज 3 में अगर नतीजे पक्ष में होते हैं तो कंपनी के निवेशकों के वेल्थ को बड़ी उछाल मिल सकती हैं। अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडरना भी दूसरी कंपनियों की तरह ही काफी जोर-शोर से वैक्सीन विकसित करने में लगी हैं। जारी अंतिम फेज के ट्राईल रिजल्ट्स के अनुसार यह वैक्सीन करीब 94% प्रभावी हैं. काफी देशों की मॉडरना समेत अन्य वैक्सीन कंपनियों से बात चल रही हैं जिसका भी शेयरों के मूल्य वृद्धि में अहम योगदान हैं। मार्च के न्यूनतम स्तर से अब तक कंपनी का शेयर प्राइस करीब 430% बढ़ गया हैं। मॉडरना कंपनी के शेयर एक साल के भीतर 17.68 डॉलर से 178.5 डॉलर के बड़े रेंज में ट्रेड हुए हैं। इस बड़ी उछाल नतीजन कंपनी के वैल्यूएशन को भी बड़ी सहायता मिली हैं। अच्छे ट्रायल परिणामों के बाद कंपनी ने इमरजेंसी यूज की अनुमति को लेकर काम शुरू कर दिया हैं जिसका भी आने वाले दिनों में शेयर कीमतों पर असर दिखेगा।

दरअसल US की मल्टीनेशनल फार्मा कंपनी फाईजर, बायोएनटेक के साथ मिलकर कोरोना के वैक्सीन पर काम कर रही हैं। हाल में आए इफिकेसी रिपोर्ट में फेज 3 ट्रायल्स के बाद वैक्सीन को 90% से ज्यादा सफल बताया गया हैं। वैक्सीन की तैयारी की खबरों के समय से ही बढ़ रहे कंपनी के शेयर प्राइस में इस खबर के बाद और भी उछाल दिखी हैं। भारत में लिस्टेड फाईजर के शेयर अंतिम चरण के ट्रायल के नतीजों के बाद अपने 52 हफ्तों के नई ऊंचाई पर पहुंच गए थे। यह स्टॉक दिसंबर के पहले दिन मार्च के अपने न्यूनतम स्तर से 42% की उछाल के बाद 5107 रुपये पर व्यापार कर रहा था। कंपनी के मार्केट कैप को भी इस दौरान बड़ी उछाल मिली हैं और अब यह बढ़कर 23,366 करोड़ हो गया हैं। कंपनी ने वैक्सीन के इमरजेंसी यूज अनुमति के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी हैं। आगे आने वाली खबरों का भी कंपनी के शेयर प्राइस पर बड़े प्रभाव की उम्मीद हैं। यह ब्रिटिश मल्टीनेशनल फार्मा कंपनी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की मदद से वैक्सीन विकसित कर रही हैं। फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल्स के बाद जारी रिजल्ट्स में इस वैक्सीन को करीब 70% सफल बताया गया हैं।

भारतीय बाजार में लिस्टेड कंपनी के स्टॉक प्राइस पर वैक्सीन की खबरों का काफी पॉजिटिव असर दिखा हैं। भारत के सेरम इंस्टिट्यूट द्वारा उत्पादन किए जाने वाले इस वैक्सीन में रख रखाव और अन्य लॉजिस्टिकल समस्या कम होने के कारण भी इसे निवेशकों का विशेष ध्यान मिल रहा हैं। मार्च के अपने न्यूनतम स्तर से यह शेयर दिसंबर की शुरुआत में करीब 140% बढ़ चुका हैं। शेयर प्राइस सितम्बर के पहले हफ्ते में 4970 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे जिससे मामूली गिरावट के बाद यह स्टॉक पहले की तुलना में बड़े उछाल के साथ व्यापार कर रहा हैं। फार्मा कंपनी का मार्केट कैप भारतीय बाजार के मुताबिक वर्तमान में 11,321 करोड़ रुपयों का हैं। साथ ही कैडिला के अहमदाबाद और सेरम इंस्टिट्यूट के पुणे फैसिलिटी पहुंच कर हाल में प्रधानमंत्री ने वैक्सीन निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था। कोरोना के साथ आया अंधकार अब वैक्सीनों के सफल होते प्रयोग के बाद खत्म होता दिख रहा हैं। इन सारी वैक्सीनों में अलग अलग विशेषताएं हैं जो किसी देश द्वारा इनके चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। आने वाले दिनों में इन स्टॉक्स के साथ ही ट्रायल में होने वालों और भी कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजर होगी।