बरेली। एंटीबायोटिक दवाओं के विकल्प के तौर पर तैयार हो रही हर्बल दवाओं के भी कारगर न होने का दावा करते हुए आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने इस पर चिंता जाहिर की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर्बल दवाओं को लेकर वैज्ञानिक लंबे समय से शोध कर रहे हैं। हाल में आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने शोध में इसकी पुष्टि होने का दवा किया है कि एंटीबायोटिक दवाओं के विकल्प के तौर पर तैयार हो रही हर्बल दवाओं उतनी कारगर नहीं दिखाई दे रही, जितनी उम्मीद की जा रही थी।

आईवीआरआई के निदेशक डॉ. बीपी मिश्रा ने बताया कि आईवीआरआई अभी हर्बल दवाओं को लेकर लगातार शोध कर रही है। गौरतलब है कि संस्थान के महामारी रोग विभाग के वैज्ञानिक लंबे समय से एंटीबायोटिक के साथ हर्बल दवाओं का मिश्रण तैयार कर उसे जीवाणुओं से लड़ने के लिए तैयार कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव शरीर पर पाए जाने वाले 30 से 40 फीसदी जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक दवाएं काफी हद तक बेअसर हो चुकी है। इससे जीवाणुओं से होने वाले बुखार, डायरिया, निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करना मुश्किल हो जाएगा।