नई दिल्ली: कैरीबियाई राष्ट्र क्यूबा के लोग बीते एक वर्ष से दवाओं की कमी झेल रहे है। क्यूबा की दवा कंपनियां 85 प्रतिशत कच्चे माल का आयात विदेश से करती हैं। अब इन कंपनियों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को बकाए का भुगतान कर सके। इस वजह से क्यूबा की कंपनियों को विदेश से माल मिलने में परेशानी हो रही है। क्यूबा कम्यूनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘ग्रानमा’ में इसकी जानकारी दी गई है।

क्यूबा के प्रमुख सहयोगी देश वेनेजुएला से भी पूर्व की तरह मदद नहीं मिल पा रही है। इस स्थिति में क्यूबा को आयात में कटौती करनी पड़ी है। इससे देश में दवाओं का संकट पैदा हो गया है। सबसे ज्यादा कमी गर्भनिरोधक गोलियों और उच्च रक्तचाप की दवाओं की है। इसका लाभ दवाओं की कालाबाजारी करने वाले उठा रहे हैं। क्यूबा सरकार इनके खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। क्यूबा में मेडिसिन प्लानिंग विभाग की प्रमुख क्रिस्टिना लारा बस्तानजुरी के मुताबिक, इस स्थिति से निपटने के लिए अगस्त से कई बैठकें कर चुके हैं। कई अहम कदम उठाए गए हैं। कुछ हद तक समस्या पर काबू पाया गया है। दवाओं के उत्पादन में स्थिरता आ रही है।