नई दिल्ली : एक शोध के आधार पर बताया गया है कि कोविड संक्रमण के दौरान बनी रोध प्रतिरोधक क्षमता तकरीबन नौ माह तक बनी रहती है.
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा यह बाते कोविड की स्थिति पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि कई वैश्विक और भारतीय वैज्ञानिक शोधों के आधार पर, यदि आपको कोई संक्रमण होता है, तो आप आमतौर पर 9 महीने तक सुरक्षित रहते हैं.
इस दौरान भार्गव ने कई स्टडी का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि साइंस जर्नल में प्रकाशित अमेरिका में एक अध्ययन के अनुसार, सार्स सीओवी2 की प्रतिरक्षात्मक ताकत 8 महीने तक बनी रह सकती है.
चीन के एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि एंटीबॉडी और सेलुलर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया संक्रमण के 9 महीने से अधिक समय तक बनी रहती है. जबकि अन्य कई अध्ययनों से पता चला है कि एंटीबॉडी प्रतिक्रियाएं संक्रमण के बाद 13 महीने से अधिक समय तक बनी रहती हैं.
भारत से लगभग तीन अध्ययनों – आईसीएमआर द्वारा दो और एक मुंबई में – जो, क्रमश: 284, 755 और 244 रोगियों पर किया गया था, भार्गव ने कहा कि प्रतिरक्षा क्रमश: 8 महीने, 7 महीने और 6 महीने तक बनी रहती है.
उन्होंने कहा, अधिकांश अध्ययनों से पता चला है कि यह संक्रमण के बाद 8 से 13 महीने तक बनी रहती है और हमने इसे लगभग 9 महीने तक मानकर चल रहे हैं.
आईसीएमआर प्रमुख ने यह भी कहा कि सभी कोविड टीके संक्रमण को नहीं रोकते हैं और मुख्य रूप से रोग को संशोधित करने वाले होते हैं.