मुंबई। सन फार्मा इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने स्किन प्रॉब्लम के इलाज की नई दवा लांच की है। स्टारिजो नामक यह दवा टेडिज़ोलिड फॉस्फेट टैबलेट 200 मिलीग्राम में है। कंपनी ने कहा कि स्टारिजो (टेडिज़ोलिड फॉस्फेट) एक नया, ऑक्साज़ोलिडिनोन-क्लास जीवाणुरोधी है।
इसका इस्तेमाल तीव्र जीवाणु त्वचा और त्वचा संरचना संक्रमण (एबीएसएसएसआई) के इलाज में किया जाता है। बताया गया है कि सन फार्मा ने भारत में टेडिज़ोलिड फॉस्फेट के विकास, निर्माण और व्यावसायीकरण के लिए एमएसडी से अधिकार प्राप्त किए हैं।
गौरतलब है कि एबीएसएसएसआई का कारण बनने वाले मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) जैसे दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया का इलाज करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। दरअसल, अस्पतालों में प्रभावी इलाज विकल्पों की सीमित उपलब्धता है। फार्मा कंपनी का कहना है कि स्टारिजो की दिन में एक बार खुराक ली जाती है। कंपनी के सीईओ इंडिया बिजनेस कीर्ति गनोरकर के अनुसार हमारी हमेशा से कोशिश रही है कि हम ऐसी नई दवाइयां पेश करें जो रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करें।
कंपनी का कहना है कि एबीएसएसएसआईएस का कारण बनने वाले एमआरएसए जैसे दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया का इलाज करना अधिक चुनौतीपूर्ण है। इसमें प्रभावी एंटीबायोटिक दवाओं की सीमित उपलब्धता है। स्टारिजो (टेडिजोलिड फॉस्फेट) छह दिनों के लिए दिन में एक बार मौखिक उपचार है और इसे 10-14 दिनों के लिए दिन में दो बार दिया जाना चाहिए। स्टारिजो (टेडिजोलिड फॉस्फेट) को बुजुर्गों, यकृत या गुर्दे की दुर्बलता वाले रोगियों और हेमोडायलिसिस पर रोगियों में खुराक समायोजन की जरूरत नहीं होती है।