नई दिल्ली
सरकारी अस्पतालों में बुखार के मरीजों हेतु आई ड्यूराजेसिक टेबलेट के सैंपल सेंट्रल ड्रग लेबारेट्री कोलकाता (सीडीएल) में भी फेल हो गए हैं। ये दवा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के स्टोर और महर्षि दयानंद अस्पताल के स्टोर में मरीजों के वितरण के लिए आई थी। जिला औषधि निरीक्षक दीपक कुमार ने 14 अक्टूूबर, 2014 को सीएमओ कार्यालय के सीएमएसडी दवा स्टोर से ड्यूराजेसिक दवा का नमूना जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा था। इसी दवा का नमूना 11 दिसंबर, 2014 को महर्षि दयानंद अस्पताल के दवा स्टोर से लिया गया। इस दवा का निर्माण ऑरनेट लैब मुजफ्फरपुर, बिहार में किया जा रहा था।
दोनों ही नमूने गवर्नमेंट ड्रग लेबोरेट्री लखनऊ में फेल हो गए जिससे स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मच गया। चूंकि ये दवा सरकारी सप्लाई में थी ऐसे में औषधि विभाग ने तत्काल कार्रवाई के लिए मुख्यालय को लिखा। इधर कंपनी संचालक ने इस निर्णय को चुनौती दी है। इस पर दवा का नमूना सेंट्रल ड्रग लेबोरेट्र्री कोलकाता भेजा गया। जिला औषधि निरीक्षक दीपक कुमार ने बताया ड्यूराजेसिक टेबलेट का नमूना सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्री में भी फेल हो गया है। अब फर्म संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
20 प्रतिशत कम निकला क्रियाशील तत्व: कंपनी के अनुसार एक टेबलेट का वजन 500 मिलीग्राम है और उसमें 95 से 105 प्रतिशत क्रियाशील तत्व है। जबकि लखनऊ लैब में ये प्रतिशत मात्र 86 ही पाए गए और कोलकाता लैब में ये 79 प्रतिशत ही मिले।