समस्तीपुर : बिहार प्रदेश सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के राज्यस्तरीय सम्मेलन में सरकार की दवा नीति के खिलाफ रोष नजर आया। एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप राय ने कहा कि सरकार दवा व्यवसायियों का ध्यान रखे बिना नीतियों में बदलाव कर रही है, उनसे विचार-विमर्श भी नहीं हो रहा, जिस कारण दवा कारोबार संकट के दौर से गुजर रहा है। दवा प्रतिनिधियों के समक्ष सेवा बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। कार्यक्रम का उद्घाटन शल्य चिकित्सक डॉ आरआर झा, भाजपा जिलाध्यक्ष रामसुमरन सिंह, राज्य संघ के महासचिव संत कुमार और राम बाबू कापर ने संयुक्तरूप से किया।

बिहार और झारखंड के कई जिलो से मेडीकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) सम्मेलन में शामिल हुए। डॉ. झा ने कहा कि चिकित्सक और दवा प्रतिनिधियों के बीच बेहतर रिश्ता रहता है। आज बेहतर प्रयोग होने के कारण रोजाना दवा में बदलाव होता रहता है। ऐसे में दवा प्रतिनिधि इन परिवर्तनों से चिकित्सकों को अवगत कराते हैं। इससे मरीज का बेहतर इलाज संभव हो पाता है। भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीसिंह ने कहा कि दवा निर्माण से लेकर आम जनता तक इसे पहुंचाने में कठिनाइयां आती हैं। वक्ताओं ने सरकार से मेडिकल रिप्रजेंटिटिवों के लिए कार्य करने की अवधि, चिकित्सा सुविधा, पेंशन आदि देने की मांग की। द्वितीय सत्र में वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट के प्रस्ताव को पारित किया गया।