केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) द्वारा नए अधिसूचित नियमों से संबंधित विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा के लिए सोमवार को एक बैठक की। मामले से जुड़े लोगों ने ईटी को बताया कि मंत्री ने कहा कि वह आंतरिक चर्चा के बाद ‘उचित निर्णय’ लेंगे।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर (व्यावसायिक आचरण) विनियम, 2023 का कड़ा विरोध किया है, जो डॉक्टरों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का आदेश देता है । बैठक के दौरान चर्चा किया गया दूसरा विवादास्पद मुद्दा कॉकटेल रात्रिभोज के साथ फाइव स्टार होटल में चिकित्सा सम्मेलन था। एनएमसी ने डॉक्टरों को उन सेमिनारों, कार्यशालाओं या सम्मेलनों में भाग लेने से रोक दिया है जिनमें फार्मा कंपनियों या संबद्ध स्वास्थ्य क्षेत्र से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रायोजन शामिल होते हैं।

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आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा, “बैठक बहुत अच्छी रही। यह दो घंटे तक चली क्योंकि मंत्री ने सभी को मौका दिया। हमने वही प्रस्तुत किया जो चिकित्सा जगत महसूस करता है। सरकार मुद्दों पर बाद में निर्णय लेगी।” इस बैठक में आईएमए के अधिकारी, ड्रग लॉबी समूह इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए), मंत्रालय और एनएमसी के अधिकारी शामिल हुए।