बद्दी (हिमाचल प्रदेश)। प्रदेश में दवाइयों की गुणवता पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार ने डिप्टी ड्रग कंट्रोलर का पद सृजित कर दिया है। दरअसल, इससे पहले से ही ड्रग कंट्रोलर के जरिए दवाइयों की गुणवता पर नजर रखी जा रही थी, लेकिन स्टाफ की कमी कहीं न कहीं निरीक्षण में बाधक बन रही थी। इसके मद्देनजर अब एक कंट्रोलर का पद सृजित किया गया है, ताकि दवाइयों की गुणवत्ता की रुटीन चैकिंग प्रभावित न हो। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले दिनों हिमाचल में कई दवाइयों के सैंपल भी फेल हुए हैं जिसके बाद सरकार जागी है। हिमाचल में ड्रग और कॉस्टमेटिक दवाइयों को बनाने वाले 800 उद्योग हैं जिनमें सबसे ज्यादा बीबीएल और पांवटा साहिब में है। हिमाचल सालाना 40 हजार करोड़ रुपए की दवाइयां तैयार करता है। उन्होंने बताया कि डिप्टी ड्रग कंट्रोलर तैनात होने के बाद दवाइयों के अवैध निर्माण पर भी नजर रखी जा सकेगी