भारत अपनी दवा कंपनी इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन (IMPCL) बेचने वाली है। इसे खरीदने के लिए मैनकाइंड और बैद्यनाथ ने दिलचस्पी दिखाई है। इन दोनों कंपनियों ने इस सरकारी दवा कंपनी में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट जमा किया है।
सूत्रों का कहना है कि सरकारी दवा कंपनी के लिए एक प्राइवेट इक्विटी फंड और एक रिसेट रिकांस्ट्रेशन कंपनी ने भी बोली लगाई है। इस सरकारी कंपनी के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया में आयुर्वेद कंपनी पंतजलि के शामिल होने की भी बात थी। लेकिन पंतजलि आयुर्वेद ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जमा करने से इंकार कर दिया।
ये भी पढ़ें-सरकारी अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट क्लीनिक में भी बैठकर कर रहे हैं चिकित्सा विभाग नियम का उल्लंघन
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडे ने 30 अक्टूबर को ट्वीट किया, आईएमपीसीएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए कई ईओआई प्राप्त हुए। लेनदेन अब दूसरे चरण में जाएगा। कंपनी के पास पहले 250 करोड़ रुपए का राजस्व था और वित्त वर्ष 2012 में लगभग 25 प्रतिशत का लाभ मर्जिन।
भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए 1970 के दशक में स्थापित की गई सरकारी कंपनी केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत संचालित औषधालयों और क्लीनिकों के लिए एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। सरकार ने सितंबर में आईएमपीसीएल में अपनी 100% इक्विटी शेयरधारिता के प्रस्तावित रणनीतिक विनिवेश के लिए ईओआई के लिए एक वैश्विक निमंत्रण प्रसारित किया।
ये कंपनी आयुष मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आती है। आयुष आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी का संक्षिप्त रूप है।