चंडीगढ़। सितंबर और अक्तूबर में फार्मेसी कॉलेज में हुई ऑफलाइन परीक्षा में पैसे लेकर सामूहिक नकल के बड़े मामले का खुलासा हुआ है। तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव स्तर पर कराई गई जांच में सभी विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका के प्रश्न के हूबहू उत्तर लिखे मिले हैं। अब विभाग लहरागागा के इन सात फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की तैयारी कर रहा है। दरअसल रिपोर्ट में चेक करने पर पाया कि विद्यार्थियों की तरफ से दी गई ऑफलाइन परीक्षा में उनकी उत्तर पुस्तिकाएं एक-एक अक्षर मिल रही हैं।

ऑनलाइन हल किए पेपरों में भी कई पेपर लगभग मिलते हैं। सभी विद्यार्थियों ने एक ही जैसे प्रश्न हल करने के लिए चिह्नित किए हैं। साथ ही सभी विद्यार्थियों ने एक ही जैसे उत्तर भी हल किए हैं। सामूहिक नकल के इस खुलासे के बाद अब विभाग इन सातों फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता रद्द करने और नकल करवाने में शामिल संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा ने बताया कि सामूहिक नकल के खुलासे में लहरागागा के सात फार्मेसी कॉलेज शामिल हैं।

इनमें विनायका कॉलेज ऑफ फार्मेसी लहरागागा, आर्य भट्ट कॉलेज ऑफ फार्मेसी संगरूर, माडर्न कॉलेज ऑफ फार्मेसी संगरूर, विद्या सागर पैरामेडिकल कॉलेज लहरागागा, महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी लहरागागा, लार्ड कृष्णा कॉलेज ऑफ फार्मेसी लहरागागा और कृष्णा कॉलेज आफ फार्मेसी, लहरागागा में सितंबर और अक्तूबर (2020) में हुई परीक्षाओं के दौरान सामूहिक नकल हुई है। साथ ही तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सचिव, पंजाब राज तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण बोर्ड से जांच रिपोर्ट मांगी गई। इन कॉलेजों के पेपर चेक करने के लिए सरकारी बहुतकनीकी कॉलेज (लड़कियां), पटियाला भेजे गए थे। इसके प्रिंसिपल से भी रिपोर्ट मांगी गई थी।

बतादें कि तकनीकी शिक्षा मंत्री – चरनजीत सिंह चन्नी ने बताया कि सामूहिक नकल का यह बेहद गंभीर मामला है। इस मामले में दोषी किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिए गए हैं। दरअसल तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव – अनुराग वर्मा ने बताया बोर्ड को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इन संस्थाओं में सितंबर-अक्तूबर 2020 में हुई परीक्षाओं को रद्द करते हुए इन संस्थाओं के विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा ली जाए।

अब जो परीक्षा ली जाएगी उसके सेंटर केवल सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक, आईटीआई में ही बनाए जाएंगे। साथ ही इनवीजीलेशन स्टाफ भी केवल सरकारी संस्थाओं का ही लगाया जाएगा। यह परीक्षाएं सीसीटीवी की निगरानी में करवाई जाएंगी और इसकी रिकॉर्डिंग तुरंत प्राप्त कर रिकॉर्ड में रखी जाएंगी।

अब इस मामले में उड़न दस्ते के इंचार्ज नवनीत वालिया प्रिंसिपल सरकारी बहु-तकनीकी कॉलेज बरेटा और अनिल कुमार सेक्शन अफसर की भूमिका संदिग्ध मिली है। विभाग ने इनके खिलाफ भी चार्जशीट के आदेश जारी किए हैं। संस्थाओं ने राज्य में दी जा रही तकनीकी शिक्षा की छवि को भारी ठेस पहुंचाई है। इन संस्थाओं की मान्यता रद्द करने के लिए एक सप्ताह के अंदर-अंदर कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के लिए तकनीकी शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं।