कोरोना महामारी फैलने के बाद हैंड सैनेटाइजर का चलन बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि सैनेटाइजर से हाथ धोने से कोरोना वायरस मर जाता है। इसके बाद देश में हैंड सैनेटाइजर की बाढ़ आ गई। हर कंपनी अपने हैंड सैनेटाइजर को दूसरे से बेहतर बता रही है। इस बीच, देश में हैंड सैनेटाइजर को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार में बिक रहे अधिकांश हैंड सैनेटाइजर में घातक मेथेनॉल मिला है। इसके अधिक इस्तेमाल से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। अब डॉक्टर लोगों को अलर्ट कर रहे हैं। बतादे कि कंजुमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया सीजीएसआई ने यह रिपोर्ट जारी की है। परीक्षण किए गए 122 नमूनों में से 5 में विषाक्त मेथेनॉल मिला है। वहीं 45 नमूने ऐसे रहे, जिनमें लेबल पर लिखी चीजे मेल नहीं खाती। रिपोर्ट की चौंकाने वाली बात यह रही कि 4% हैंड सैनेटाइजर में जहरीले मेथेनॉल मिले हैं, जिनके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि तंत्रिका तंत्र को क्षति और अंधापन।
31 अगस्त 2020 की सीजीएसआई की रिपोर्ट कहती है कि उन्होंने मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, महाराष्ट्र राज्य में बाजार में उपलब्ध हैंड सैनेटाइटर पर एक अध्ययन किया और प्रत्येक में अल्कोहल की मात्रा की जांच करने के लिए परीक्षण किए। उन्होंने यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या लेबल पर लिखी चीजें ही हैंड सैनेटाइजर में मिलाई गई हैं और क्या कोई ऐसी सामग्री है जो उपयोगकर्ता को नुकसान पहुंचा सकती है? सीजीएसआई की रिपोर्ट का दावा है कि इसने अगस्त 2020 में एक राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में 120 से अधिक हाथ सैनेइटिस नमूनों पर “गैस क्रोमैटोग्राफी” परीक्षण किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश खुदरा स्टोर और फार्मेसीज सैनेटाइजर बेच रहे हैं और कोविड -19 महामारी की आड़ में कई बेईमान लोग भी इस धंधे में प्रवेश कर गए हैं। दरअसल सीजीएसआई की रिपोर्ट उपभोक्ताओं को याद दिलाती है कि संक्रमण के प्रसार को रोकने और बीमार होने के जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को सादे साबुन और पानी से धोएं। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो कम से कम 60% अल्कोहल के साथ हैंड सेनेटाइजर (कुछ रिपोर्टों का कहना है कि 70%) का उपयोग कर सकते हैं। बच्चों को ज्यादा इस्तेमाल न करने दें।