दस साल से खाली पड़ा है ड्रग कंट्रोलर का पद
नूंह (हरियाणा)। जिले में नकली दवाओं का बाजार गर्म है। मेडिकल स्टोर्स पर ड्रग्स की बिक्री भी खुलेआम हो रही है। वहीं, झोलाछाप डॉक्टर जगह-जगह अपनी दुकान सजाए बैठे हैं और मरीजों को लूटने में व्यस्त है। दरअसल, जिले में पिछले दस सालों से ड्रग इंस्पेक्टर का पद खाली पड़ा है। इससे मेडिकल स्टोर पर दवा की जांच करने और झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल कसने का कार्य ठंडे बस्ते में पड़ा है। फिलहाल, खानापूर्ति के लिए पलवल के ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर (डीसीओ) को नूंह का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है। इसके अतिरिक्त, काफी समय से फूड सेफ्टी अधिकारी का पद भी खाली पड़ा है। छापामारी न होने से खाद्य पदार्थों में मिलावट का धंधा जोरों पर चल रहा है। नूंह जिले की सीमाएं राजस्थान और उत्तर प्रदेश से सटी होने के कारण यहां पर दूध, पनीर, खोवा, सरसों का तेल, देशी घी में जमकर मिलावट हो रही है। फरीदाबाद के फूड सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) के पास नूंह की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी है। वह कभी-कभार ही यहां आ पाते हंै। इस बारे में नूंह के डिप्टी सिविल सर्जन एसके कौशिक ने बताया कि ड्रग कंट्रोलर और फूड सेफ्टी ऑफिसर के पद काफी समय से भरे नहीं गए हैं। इस कारण छापामार कार्रवाई नहीं हो पाती है।