सोलन (हप्र)। हिमाचल सहित देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित राज्यों में पोलियो उन्मूलन के लिए 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पिलाई जाने वाली बीवालेंट और पोलियो वायरस वैक्सीन के 25 सैंपल फेल हो गए हैं। मेनिंगोकोकल वैक्सीन के 2, टीटी वैक्सीन, टायफाइड वैक्सीन व रैबीज वैक्सीन का एक-एक सैंपल फेल हुआ है। केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) कसौली में सैंपल की जांच में कुल 30 वैक्सीन के सैंपल फेल हुए हैं। ये सभी सैंपल गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। सीडीएल कसौली के अनुसार इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 30 वैक्सीन के सैंपल फेल हुए हैं। पिछले 6 वर्षों की तुलना में यह आंकड़ा कई गुणा अधिक है। वर्ष 2018 में कुल 15 सैंपल लिए गए थे। इस वर्ष यह संख्या बढक़र 30 तक पहुंच गई है। दिसम्बर महीने तक यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इन सभी वैक्सीन का उत्पादन हिमाचल से बाहर हुआ है। मेनिंगोकोकल वैक्सीन के 2 सैंपल फेल हुए हैं। मेनिंगोकोकल एक बैक्टीरिया संक्रमण है। यह मरीज द्वारा छींकने और खांसने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। बच्चों व वयस्कों में इस संक्रमण की मुख्य वजह बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस होती है। बच्चों व व्यस्कों को इस रोग से सुरक्षा प्रदान करने के लिए ही मेनिंगोकोकल वैक्सीन दी जाती है। इसके दो सैंपल फेल होने से इनकी सुरक्षा पर ही कई सवाल खड़े हो गए हैं।
सीडीएल की जांच में टैटनस की बीमारी से रोकथाम करने वाली वाली टैटनस टॉक्साइड वैक्सीन का भी एक सैंपल फेल हो गया है। इसी तरह टायफाइड बुखार से बचाव के लिए बच्चों व वयस्कों को लगने वाला टायफाइड वैक्सीन का भी एक सैंपल फेल हुआ है। टायफाइड एक गंभीर संक्रमित रोग है जो साल्मोनेला टाइफी नामक वैक्टीरिया से फैलता है। रैबीज वैक्सीन का भी एक सैंपल फेल हुआ है। कुत्ते व बंदर या फिर अन्य जानवरों के काटने पर रैबीज रोग की रोकथाम के लिए यह एंटी रैबीज वैक्सीन लगाया जाता है, जिसका एक सैंपल फेल हुआ है। सीडीएल कसौली के निदेशक डॉ. अरुण भारद्वाज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह जानकारी सीडीएल वैबसाइट पर भी उपलब्ध है।
वर्ष 2013 में डीटीपी +एचईपीबी +एचआईबी वैक्सीन 4, स्नैक वैनम एंटी सिरम वैक्सीन 1 तथा टैटनस एंटीटॉक्सीन का एक सैंपल फेल हुआ था। अगले वर्ष 2014 में हैपेटाइटिस-बी वैक्सीन 1, स्नैक वेनम एंटीसिरम 1, टीटी वैक्सीन 1 तथा डीपीटी वैक्सीन 1 सैंपल फेल हुआ। इसके बाद, वर्ष 2015 में डीटीपी+एचईपी+एचआईबी 1 तथा टीटी वैक्सीन के 3 सैंपल फेल हुए। इसी तरह वर्ष 2016 में डीटीपी+एचईपीबी+एचआईबी के 2 तथा टीटी वैक्सीन के 2 सैंपल फेल हुए। वहीं, वर्ष 2017 में बीओपीवी वैक्सीन के एक, स्नैक वैनम एंटी सिरम वैक्सीन के 5, टायफाइड के एक व टीटी वैक्सीन के एक तथा पेंटा वेलेंट वैक्सीन के 2 सैंपल फेल हुए। वर्ष 2018 में भी टीटी वैक्सीन के एक, स्नैक वैनम एंटी सिरम वैक्सीन 9, टायफाइड के 2, डिफथेरिया एंटी टॉक्सीन के 1 तथा बीओपीवी वैक्सीन के 2 सैंपल फेल हुए हैं।