नई दिल्ली : DTAB ने हाल ही में नई दवाओं और नैदानिक ​​परीक्षण नियमावली, 2019 के प्रावधानों में संशोधन की डीसीजीआई से सिफारिश की है ।

इस सिफारिश से क्लिनिकल जांच ​​के तहत नई दवाओं और टीकों के लिए निर्माण और भंडारण का लाइसेंस दिया जा सके।

दवा उद्योग से जुडे विशेषज्ञों की राय है कि अगर सरकार डीटीएबी और डीसीजीआई की सिफारिश को मंजूरी देती है, तो यह जनहित में दवा नियमों में क्रांतिकारी बदलाव होगा।

ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने कहा कि ऐसी दवाओं का विपणन, बिक्री और वितरण क्लिनिकल परीक्षण के परिणामों को मंजूरी दिये जाने के बाद ही किया जाना चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि सिफारिशों के आधार पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को मसौदा प्रस्ताव भेजा है।

सूत्र ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को दवा नियामक प्रणाली में सुधार के लिए पत्र लिखा था।