करनाल (हरियाणा)। कोरोना महामारी के बीच सेनेटाइजर पर जीएसटी 18 प्रतिशत मांगे जाने से आयुर्वेदिक लघु उद्योगों पर आर्थिक मार पड़ रही है। हरियाणा आयुर्वेदिक ड्रग मैन्युफैक्चर एसोसिएशन ने सरकार की पॉलिसी का विरोध किया है। एसोसिएशन के प्रधान अनूप भरद्वाज ने बताया कि जीएसटी के नाम पर आयुर्वेदिक लघु उद्योग संचालकों पर लाखों रुपए की रिकवरी निकाल दी गई है और उन्हें जीएसटी चोरी के नोटिस दिए जाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि जीएसटी के जिस कोड का हवाला देकर जीएसटी चोरी की बात कही जा रही है, यह आयुर्वेदिक लघु उद्योगों पर लागू ही नहीं होता। उनके लाइसेंस आयुर्वेद में रजिस्टर हैं और वह सालों से जीएसटी के कोड 3004 में टैक्स देते आए हैं। कभी कोई आपत्ति नहीं हुई, लेकिन अब सेनेटाइजर को 3808 कोड में बताकर उनसे 18 प्रतिशत टैक्स मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब वह जीएसटी के कोड 3808 में आते ही नहीं तो उन पर 18 प्रतिशत टैक्स कैसे मांगा जा सकता है। इस दौरान एसोसिएशन के पृथ्वी सिंगला, अशोक छाबड़ा, राजेंदर चौहान वाइस प्रेजिडेंट, वैभव कक्कर महासचिव, शशिराज जॉइंट सेक्रेटरी आदि मौजूद रहे।