सोलन (हप्र)। ड्रग विभाग ने सैंपल फेल मिलने वानी करीब 43 दवा कंपनियों के उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। विभाग की इस कार्रवाई से दवा उद्योगों में हडक़ंप मचा है। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में प्रदेश में 50 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। विभाग ने 43 दवाओं के मामलों में कार्रवाई करते हुए संबंधित उद्योगों के उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं जबकि 7 दवाओं के मामलों में अभी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। 43 उद्योगों में कई उद्योग ऐसे भी हैं, जिनकी एक से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।
केन्द्रीय दवा नियंत्रक मानक संगठन (सी.डी.एस.सी.ओ.) ने अप्रैल से नवम्बर माह के बीच में जारी हुए ड्रग अलर्ट में देशभर में 227 दवाओं के सैंपल लिए, जिनमें से हिमाचल में बनीं 50 दवाओं के सैंपल फेल हुए। देश में जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए, उनमें औसत हर 5वीं दवा का उत्पादन हिमाचल में हुआ था। इतनी बड़ी संख्या में प्रदेश में दवाओं के सैंपल फेल होने से प्रदेश की छवि को भी काफी नुकसान हुआ। इसी के चलते हिमाचल औषधि विभाग ने सैंपल फेल मिलने वानी दवा कंपनियों के उत्पादन लाइसेंस सस्पेंड कर दिए। कैमिस्टों को जो हिमाचल की इन कंपनियों की बनाई हुई दवा बेच रहे हैं, उन्हें भी सावधान रहने की जरूरत है, कि उपरोक्त दवा कंपनियां कहीं सैंपल फेल वाली दवाइयां कैमिस्टों के बीच में ना पहुंचा दें। गौर रहे कि अधिकतर शहरों के कुछ डाक्टर इन कंपनियों से थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग करवाते हैं और अपने अस्पताल के अंदर या बाहर बने काउंटरों (कैमिस्ट शॉप) पर इन्हें बिकवाते हैं। डाक्टरों द्वारा लिखी गई उपरोक्त दवाइयों आसपास के काउंटर पर ही मिलती हैं, यह जगजाहिर है। 43 दवा निर्माता कंपनियों के लाइसेंस सस्पेंड, कैमिस्ट रहें सावधान!