रायपुर
आखिरकार स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्सिंग का फार्मूला रद्द कर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ निवासी यानी स्थानीय नर्सों की भर्ती की कवायद शुरू कर दी। स्थानीय नर्सों के लिए प्रदेशभर में 13सौ नए पद निकाले जा रहे हैं। बीमारियों का मौसम यानी गर्मियों से पहले इन नर्सों की पोस्टिंग कर दी जाएगी।
बस्तर समेत दुर्गम इलाकों के हेल्थ सेंटरों में सेवाएं देने वाली नर्सों को 30 हजार रुपए महीने का पैकेज दिया जाएगा। दूसरे राज्यों से नर्सों की आउटसोर्सिंग को लेकर खुलासे के बाद ऐसा बवाल मचा कि स्वास्थ्य विभाग ने भर्ती का फार्मूला ही बदल दिया है। सरकारी अस्पतालों में अब स्थानीय नर्सों की ही भर्ती होगी। उन्हें वह सभी सुविधाएं दी जाएंगी, जो आउटसोर्सिंग से भर्ती की गई नर्सों को दी जा रही हैं।
गौरतलब है, आउटसोर्सिंग के जरिए दूरदराज के हेल्थ सेंटरों में तैनात की गई नर्सों को जो पैकेज दिया जा रहा है, अब तक स्थानीय नर्सों को वैसा नहीं दिया गया है। नई पॉलिसी में स्थानीय नर्सों की सैलरी भी आकर्षक रखी गई है। नई भर्ती के विज्ञापन इसी महीने निकाले जाएंगे।
निजी कंपनी को ठेका – स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल गुपचुप तरीके से दूसरे राज्यों की नर्सों की भर्ती की थी। छत्तीसगढ़ की मूल निवासी नर्सों को भनक तक नहीं हुई और बस्तर और सरगुजा के स्वास्थ्य केंद्रों में 750 नर्सों की भर्ती कर दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने नर्सों की भर्ती का ठेका प्राइवेट कंपनी को दिया था। कंपनी ने भी पूरी गोपनीयता बरती और विज्ञापन जारी करने से लेकर भर्ती की सारी प्रक्रिया दूसरे राज्यों में की। इस वजह से यहां किसी को भी भनक नहीं हुई। इसके खुलासे के बाद जमकर राजनीतिक घमासान मचा और कांग्रेस ने विधानसभा में सत्तापक्ष पर तीखे हमले किए। हालांकि शासन इससे पहले ही आउटसोर्सिंग के मामले में बैकफुट पर आ गया था।
पदों का ब्योरा तैयार : मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि बस्तर के खाली पदों की जानकारी तैयार कर ली गई है। जल्द विज्ञापन जारी कर दिए जाएंगे। बीमारियों के मौसम के पहले हर हाल में सभी पदों पर भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।