रांची स्वास्थ्य मिशन सोसाइटी (एनआरएचएम) ने राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरण संबंधी सर्वे कराया है। निजी क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान लेटेक्स लि की सर्वे
रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि राज्य भर में 517 प्रकार के 16400 बायो मेडिकल उपकरण हैं इनमें से 3734 उपकरण कार्य नहीं करते, 1156 उपकरण खुले ही नहीं, गोदाम में जंग खा रहे हैं 4890 उपकरण बेकार पड़े हैं, इनकी कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक है।
2057 उपकरणों की कीमत ही नहीं बतायी गई – सरकारी पैसे से सभी 16400 उपकरणों की खरीद 144.26 करोड़ रुपये में की गई है। संबंधित अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों ने उपकरण खरीदे और उन्हें गोदामों में रख दिए। बेकार उपकरणों की कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक है।
सर्वे रिपोर्ट में 67 प्रकार के कुल 2057 उपकरणों की कीमत ही नहीं बतायी गई है यानी इन उपकरणों की खरीद संबंधी कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। इसका पता चलने पर खरीदे गये उपकरणों की कुल लागत में और इजाफा होगा।
यह फेल सिस्टम का एक नमूना – दरअसल विभाग से लेकर एनआरएचएम तक के अधिकारी अपने कर्मचारियों से यह पता भी नहीं लगा सके कि किस अस्पताल या स्वास्थय केंद्र में कितने उपकरण हैं और उनकी कीमत व ताजा स्थिति क्या है, इस काम के लिए एक निजी पार्टी को 48 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा है। एक विभागीय अधिकारी ने कहा कि यह फेल सिस्टम का एक नमूना है।
1156 उपकरण खोले ही नहीं गए – ऐसे उपकरण साहेबगंज, पाकुड़, जमशेदपुर, गोड्डा, दुमका, जामताड़ा, व सिमडेगा जिले में गोदाम में रखे हैं। इंस्टॉल नहीं किए जा सके। उपकरणों में मुख्य रूप से इसीजी रिकॉर्डर, एचबी मीटर, आइस लाइंड रेफिजरेटर, ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर, ब्लड सेल काउंटर, एक्स-रे मशीन, फोटल डॉप्लर, एबीजी एनलाइजर, स्टेरिलाइजर, ऑटो क्लेव मशीन, हाइड्रोलिक टेबल, इंफ्रारेड लाइट, पल्स ऑग्नेमीटर व बड़ी संख्या में अन्य उपकरण शामिल हैं।
कुल 491 जगहों पर हुआ सर्वे – राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों, 29 जिला व सब डिविजन अस्पतालों, 186 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व 270 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित तीन अन्य जगहों पर सर्वे हुआ।