नई दिल्ली। देशभर के डॉक्टर आगामी दो अप्रैल को हड़ताल पर रहेंगे। वजह है राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) बिल का विरोध। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में बुलाई गई महापंचायत में दिल्ली समेत देशभर के निजी अस्पतालों व नर्सिग होम को बंद रखने का ऐलान किया है। महापंचायत में रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठनों के अलावा कई सरकारी अस्पतालों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। गौरतलब है कि एनएमसी बिल का विरोध इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व रेजिडेंट डॉक्टर लंबे समय से कर रहे हैं।

इस मसले पर अब एलोपैथिक चिकित्सा समुदाय सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में है। डॉक्टर व मेडिकल के छात्रों ने एनएमसी बिल को रद्द करने की मांग की है। एसोसिएशन ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) में सुधार करने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर ने कहा कि एमसीआइ में सुधार के लिए केंद्र सरकार को कुछ सुझाव दिए गए थे। डॉक्टरों के खिलाफ मारपीट की घटनाएं रोकने के लिए सरकार सख्त कानून बनाए। इस मौके पर डॉ. रवि वानखेडकर ने कहा कि हाल ही में सरकार ने अधिसूचना जारी कर टीबी का नोटिफिकेशन नहीं किए जाने पर डॉक्टरों को दो साल की सजा का प्रावधान किया है। यह बिल्कुल गलत है। पीएनडीटी एक्ट में भी सजा का प्रावधान है। चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में मुआवजे का प्रावधान तर्क संगत नहीं है। ऐसे प्रावधानों से डॉक्टरों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।