नई दिल्ली। एक्सीडेंट में घायल हड्डी के मरीजों के लिए जीटीबी (गुरु तेग बहादुर) अस्पताल में बोन बैंक की नई सुविधा शुरू हो गई है। राजधानी दिल्ली में एम्स के बाद जीटीबी दूसरा ऐसा अस्पताल है, जहां मरीजों के लिए इसे निशुल्क शुरू किया गया है। हालांकि बोन बैंक के लिए अब तक नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) से लाइसेंस नहीं मिला है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है। बोन बैंक में 50 मरीजों से बोन रिट्रीव भी कर लिया गया है।
अभी तक देश में एक भी ऐसा बोन बैंक नहीं है जो नेशनल लेवल पर काम करता हो। एम्स का बोन बैंक भी केवल विभागीय सुविधाएं ही प्रदान करता है। जीटीबी की इमरजेंसी में एक्सीडेंट में घायल ंऔर हड्डी फ्रेक्चर के मरीजों के लिए अलग से छह बेड का आईसीयू भी शुरू किया गया है। उधर, नोटो के प्रेसिडेंट डॉ. विमल भंडारी ने बगैर लाइसेंस बोन बैंक शुरू करने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यही गलती एम्स के ऑर्थो डिपार्टमेंट ने भी की थी, जिससे उन्हें पेपर संबंधी कई परेशानियों से गुजरना पड़ा था।