आरटीआई में खुलासा

देहरादून
स्वास्थ्य विभाग तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से समय-समय पर कई करोड़ का बजट जारी करता रहता है, लेकिन शहर में प्रदूषण के कारण बढ़ रहे कई तरह के रोगों के बारे में उसके पास डाटा नहीं है। सूचना अधिकार अधिनियम में मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग शहर के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति कितना संजीदा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके पास प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों का कोई डाटा नहीं है।

आरटीआई में खुलासा – आरटीआई क्लब के प्रवक्ता विजयवद्र्धन डंडरियाल ने चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड शासन से दून शहर में ध्वनि, धुआं, वायु सहित अन्य प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में ब्योरा मांगा था।

उन्होंने पूछा था कि प्रदूषण से बढ़ रही बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई प्लान बनाया गया है? इस पर लोक सूचना अधिकारी चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड शासन ने लोक सूचना अधिकारी संयुक्त स्वास्थ्य को पत्र फारवर्ड कर दिया। राज्य कार्यक्रम अधिकारी मीनू रावत ने इस संबंध में जवाब दिया, जो घोर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने जवाब में कहा कि ऐसी कोई सूचना उनके पास संरक्षित नहीं है।