स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने लगाई मोहर, मुख्यमंत्री पहले ही दे चुके हैं स्वीकृति
रोहतक। हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की तर्ज पर अब ईएसआई चिकित्सक भी 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरकार के इस फैसले से ईएसआई अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत करीब 250 डॉक्टरों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पहले ही इस मुद्दे पर अपनी सहमति जता चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद हरियाणा सरकार ने भी चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया था।
बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री कै.अभिमन्यु ने ईएसआई डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह में इस फैसले की अधिसूचना भी जारी होने की उम्मीद है। यह फैसला केवल डॉक्टरों पर लागू होगा। पैरा-मेडिकल स्टॉफ की रिटायरमेंट उम्र इससे नहीं बढ़ेगी।
उम्र बढ़ाने का विरोध कर रहा है युवा वर्ग: हरियाणा में कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढऩे की संभावनाएं लगातार कम हो रही हैं। नब्बे प्रतिशत के करीब कर्मचारी संगठन और सेवारत कर्मचारी ही 58 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने के इच्छुक हैं। केवल दस प्रतिशत ही कर्मचारी ऐसे हैं, जो रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 60 करने के पक्ष में हैं। निर्णायक फैसला वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब-कमेटी की रिपोर्ट के बाद होना है।
बीती 2 फरवरी को खट्टर मंत्रिमंडल की बैठक में इस कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी में स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी भी सदस्य हैं। हालांकि कमेटी को एक महीने में अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन अभी तक कमेटी की पहली बैठक भी नहीं हुई है। इस कमेटी के चेयरमैन कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि 22 या 23 अप्रैल को पहली बैठक बुलाई जा सकती है। इससे पहले कैप्टन अभिमन्यु प्रदेश के विभिन्न विभागों तथा बोर्ड एवं निगमों में प्रथम से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मंजूरशुदा पदों, कुल कार्यरत कर्मचारियों, कांट्रेक्ट, ठेके व आउटसोर्स नीति के तहत कार्यरत कर्मचारियों का ब्यौरा मांग चुके हैं।
रोहतक। हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की तर्ज पर अब ईएसआई चिकित्सक भी 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरकार के इस फैसले से ईएसआई अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत करीब 250 डॉक्टरों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पहले ही इस मुद्दे पर अपनी सहमति जता चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद हरियाणा सरकार ने भी चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया था।
बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री कै.अभिमन्यु ने ईएसआई डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह में इस फैसले की अधिसूचना भी जारी होने की उम्मीद है। यह फैसला केवल डॉक्टरों पर लागू होगा। पैरा-मेडिकल स्टॉफ की रिटायरमेंट उम्र इससे नहीं बढ़ेगी।
उम्र बढ़ाने का विरोध कर रहा है युवा वर्ग: हरियाणा में कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढऩे की संभावनाएं लगातार कम हो रही हैं। नब्बे प्रतिशत के करीब कर्मचारी संगठन और सेवारत कर्मचारी ही 58 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने के इच्छुक हैं। केवल दस प्रतिशत ही कर्मचारी ऐसे हैं, जो रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 60 करने के पक्ष में हैं। निर्णायक फैसला वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब-कमेटी की रिपोर्ट के बाद होना है।
बीती 2 फरवरी को खट्टर मंत्रिमंडल की बैठक में इस कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी में स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी भी सदस्य हैं। हालांकि कमेटी को एक महीने में अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन अभी तक कमेटी की पहली बैठक भी नहीं हुई है। इस कमेटी के चेयरमैन कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि 22 या 23 अप्रैल को पहली बैठक बुलाई जा सकती है। इससे पहले कैप्टन अभिमन्यु प्रदेश के विभिन्न विभागों तथा बोर्ड एवं निगमों में प्रथम से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मंजूरशुदा पदों, कुल कार्यरत कर्मचारियों, कांट्रेक्ट, ठेके व आउटसोर्स नीति के तहत कार्यरत कर्मचारियों का ब्यौरा मांग चुके हैं।