चंडीगढ़। हरियाणा में रक्तदान का शिविर लगा दानवीरों से लिए गए रक्त का गंदा धंधा हो रहा है। बाजार में रक्त की खुली खरीद-फरोख्त हो रही है। शिविर लगाने वाले कुछेक गैर सरकारी संगठन एकत्रित रक्त को बाजार में बेच रहे हैं। हरियाणा विधानसभा की चिकित्सा एवं शिक्षा विषय समिति के संज्ञान में यह मामला आया है।विधायी समिति ने स्वास्थ्य विभाग से मामले की जांच कराने के लिए समिति गठित करने की सिफारिश की है।

समिति ने इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार से भी कड़े कदम उठाने का आग्रह किया है, चूंकि ऐसे मामलों से रक्तदान जैसे धर्मार्थ कार्यों को समाज में धक्का लग रहा है। भाजपा विधायक सीमा त्रिखा की अध्यक्षता वाली चिकित्सा, शिक्षा विषय समिति में शामिल विधायकों डॉ. रघुवीर सिंह कादयान, जगदीश नायर, रामकुमार कश्यप, डॉ. कमल गुप्ता, नैना सिंह चौटाला, शैली, शीशपाल सिंह, नयनपाल रावत व इंदुराज ने इस मामले में गहन चर्चा के बाद विधानसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की है जिसमें सरकार को अहम सिफारिशें भेजी गई हैं।

समिति ने कहा है कि रक्तदान शिविरों में एकत्रित रक्त की निगरानी के लिए सरकारी अस्पताल कड़ी निगरानी प्रणाली विकसित करें जिससे जिलों में एकत्रित होने वाले रक्त की खरीद-फरोख्त न हो सके। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि दान किया गया रक्त किसी सूरत में बाजार में न बिके। हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव डीआर शर्मा ने बताया कि राज्य में सालाना दो से सवा दो लाख के बीच रक्त यूनिट एकत्रित होती हैं। नाको के लक्ष्य को हरियाणा ही पूरा करता है। रक्त बैंक वाले रक्त के बदले रक्त देने की मांग नहीं कर सकते। इसकी शिकायत की जा सकती है। इसमें कार्रवाई का प्रावधान है।

विधायी समिति ने स्वास्थ्य विभाग से सिफारिश की है कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के प्रवेश द्वार पर रक्त बैंक संबंधी साइन बोर्ड लगाए जाएं। इनमें रक्त बैंक से रक्त लेने की पूरी प्रक्रिया और यूनिट वेल्यू लिखी हो। चूंकि, समिति ने अपनी जांच में पाया है कि अस्पतालों में रक्त बैंक से रक्त लेने की प्रक्रिया को सही से समझाने वाले साइन बोर्ड नहीं लगे हुए हैं। इससे आम लोगों को परेशानी होती है और वे मुसीबत में होने के कारण कहीं से भी महंगे दाम पर रक्त खरीद लेते हैं।

विधायी समिति ने पाया है कि कोविड-19 में हेल्पलाइन नंबर 1075 जनता के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हुआ है। महामारी के दौरान इसे और लाभकारी बनाने के लिए समिति ने काफी विचार-विमर्श केबाद स्वास्थ्य विभाग से इस हेल्पलाइन नंबर के और साइन बोर्ड लगाने की सिफारिश की है। समिति ने कहा कि बिजली के खंभों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ये बोर्ड लगाए जाएं ताकि जनता जागरूक हो सके और हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सहायता प्राप्त करे।