लखनऊ। देश के सभी राज्यों में होम्योपैथी फार्मेकोविजिलेंस सेंटर खोले जाएंगे। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने प्रथम चरण में दिल्ली समेत छह नए केंद्रों को मंजूरी दी है। कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (एनआइएच) को हेड ऑफिस बनाया गया है। एलोपैथी की तर्ज पर इन केंद्रों पर होम्योपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट्स का बारीकी से अध्ययन के साथ रोकथाम के तरीके भी खोजे जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ होम्योपैथी दवाएं ऐसी होती हैं, जिनके ओवरडोज से साइड इफेक्ट्स हो सकता है। इसलिए इसके अध्ययन की जरूरत महसूस की जा रही है। एनआइएच की ओर से आरंभ में छह नए केंद्रों का चयन कर प्रस्ताव को केंद्रीय आयुष मंत्रालय को भेज दिया गया है। अन्य छह केंद्र भी इससे जोड़ दिए जाएंगे। एनआइएच स्थित इंटरमीडियअरी फार्मेकोविजिलेंस सेंटर (आइपीवीसी) के को-आर्डिनेटर प्रो. दिलीप पनक्कड़ ने बताया कि आइपीवीसी से देश भर के पेरीफेरल फार्मेकोविजिलेंस सेंटर (पीपीवीसी) को इंटरकनेक्ट किया जाएगा। पेरीफेरल सेंटरों से उस राज्य के सभी होम्योपैथी अस्पताल, केंद्र व नर्सिग होम एवं क्लीनिक भी आपस में लिंक कर दिए जाएंगे। ऐसे में यदि किसी प्रैक्टिसनर को होम्योपैथी दवाएं अपने मरीज को देने से उसमें साइड इफेक्ट्स जैसा कुछ लक्षण दिखेगा तो वह इसकी रिपोर्ट पीपीवीसी को भेजेंगे। इसके बाद विशेष प्रयोगशाला में साइड इफेक्ट्स के कारण, प्रभाव व रोकथाम का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। इससे मरीजों का सटीक व त्वरित इलाज संभव हो सकेगा।
आइपीवीसी, कोलकाता के सदस्य डॉ. सुभाष चौधरी ने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा जगत के इतिहास में सरकार द्वारा उठाया जा रहा यह बेहद क्रांतिकारी कदम है। आयुष मंत्रालय का निर्देश मिलने के बाद छह नए केंद्रों का प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भेज दिया गया है। जिन छह केंद्रों को मंजूरी मिली है, उनमें नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, लखनऊ, बीआर सूद होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, नई दिल्ली, शारदा कृष्णा मेडिकल होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, तमिलनाडु, फादर मुलर होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, मेंगलुरु, गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, बेंगलुरु16.गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कालेज, ओडिशा शामिल हैं।