मुंबई। कोरोना संक्रमण के इलाज में मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के इस्तेमाल पर वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के रोक लगाने के बाद पर अब ब्रिटेन ने रेमडेसिवीर के क्लिनिकल ट्रायल को मजूरी दे दी है। ब्रिटेन के मुताबिक, फिलहाल कोरोना पीडि़तों के इलाज के लिए रेमडेसिवीर दवा इस्तेमाल की जा रही है। बता दें कि कोरोना वायरस के मरीज़ों के इलाज के लिए कई देशों में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन का भी क्लिनिकल ट्रायल चल रहा था, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इसे अस्थायी तौर पर रोकने का फ़ैसला लिया था। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा है कि ब्रिटेन कोविड-19 के मरीज़ों के लिए रेमडेसिवीर दवा का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने वाला है। ब्रिटेन की एजेंसियों का मानना है कि इस दवा के इस्तेमाल और फायदे को लेकर पर्याप्त सबूत हैं और कुछ गिने-चुने कोविड-19 अस्पतालों में इसके इस्तेमाल की इजाज़त दी गयी है। हालांकि अभी इस दवा की सप्लाई बड़ा मुद्दा है और इसकी उपलब्धता काफी कम है। फिलहाल यह केवल उन लोगों की ही दी जाएगी जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। बता दें कि अमेरिका और जापान में भी इस दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा है कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए रेमडेसिवीर कोई मुकम्मल इलाज नहीं है। ये दवा सिफऱ् कोरोना के बेहद गंभीर मरीजों पर ही असर कर रही है।