नैनीताल। हाईकोर्ट ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताई है। कोर्ट ने साफ कहा कि सरकार ड्रग्स माफिया को पकडऩे और नशे के कारोबार पर लगाम लगाने में नाकाम रही है। कोर्ट ने पूछा है कि सरकार ड्रग्स माफिया के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की खंडपीठ ने रामनगर की श्वेता मासीवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कहा गया है कि सरकार और प्रशासन नशाखोरी पर प्रतिबंध नहीं लगा पाई है। सरकार नशा तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे पहले कोर्ट ने प्रदेश के 27 विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा निदेशक, विद्यालयी शिक्षा निदेशक, सभी जिलाधिकारी व एसपी-एसएसपी को पक्षकार बनाने के आदेश पारित किए थे। पक्षकारों की ओर से जवाब दाखिल कर कहा गया कि नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। खंडपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है। पुलिस छोटे-मोटे अपराधियों को पकड़ लेती है, मगर माफिया पर हाथ डालने से बचती है। खंडपीठ ने सरकार से ड्रग्स माफिया के खिलाफ दर्ज मुकदमों की पूरी जानकारी और इन पर कार्रवाई का ब्योरा कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है।