बद्दी।  एशिया की 45 फीसदी दवा (Medicine) निर्यात करने में तमगा हासिल करने वाले हिमाचल प्रदेश के के उद्योगों की दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के जारी होने वाले ड्रग अलर्ट में फेल हो रही है।  सीडीएससीओ के ताजातरीन ड्रग अलर्ट में देशभर की फेल हुई 10 दवाओं में से हिमाचल के फार्मा उद्योगों की 3 दवाएं पैमाने पर खरा नहीं उतरी है।  खास बात यह है कि कोरोना के दौर में सबसे लाजिमी हैंड सेनेटाइजर के सैंपल भी फेल हुआ है। बीबीएन के दो और ऊना के एक उद्योग की दवा इस बार के ड्रग अल्र्ट में फिर फेल हुई है।सीडीएससीओ द्वारा सितंबर माह में देशभर से 646 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिसमें से 636 दवाएं मानकों पर खरा उतरी और 10 दवाएं सब स्टैंडर्ड पाई गई, जिसमें हिमाचल की 3 दवाएं शामिल है।

फेल होने वाली दवाओं में मैसर्ज वीनस बायोसाईसिंज प्राईवेट लिमिटेड एक्सपोर्ट प्रोमोशन इंडस्ट्रियल पार्क फेस-1 झाड़माजरी बददी की रैनिस-300 (रैंटीडिन-300 एमजी) का बैच नंबर वीएनटी-19ए02, मैसर्ज मेडिपोल फार्मास्यूटिकल इंडिया प्राईवेट लिमिटेड 1199/3 भुडड बददी की क्लोपीडोगरेल एंड एसप्रिन का बैच नंबर टीएसीबी-010 और मैसर्ज कॉसवे फार्मास्यूटिकल प्लॉट नंबर 11सी इंडस्ट्रियल एरिया टाहलीवाल तहसील हरोली ऊना की इसोप्रोपाईल एल्कोहल कारबोपॉल ट्राईथेनोलैमाईन, ग्लीसरिन एवं क्लोरेहैक्सडीन डायग्लूकोनेट हैंड सेनेटाईजर (सेफ एंड क्लीन हैंड सेनेटाईजर) का बैच नंबर सी-02 फेल हुआ है। इन दवाओं के सैंपल ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट हिमाचल प्रदेश, सीडीएससीओ साउथ जोन चेन्नई व सीडीएससीओ ईस्ट जोन कोलकता से लिए गए और इनकी जांच जांच आरडीटीएल चंडीगढ़ व सीडीएल कोलकता में हुई है।
सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए है, वहीं फेल हुए सैंपलों के बैच मार्किट से हटाने के निर्देश जारी कर दिए गए है।