मुरादाबाद। क्षेत्र में नकली दवाओं का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जांच में पता चला है कि दवा निर्माण के गढ़ कहे जाने वाले हिमाचल से नकली दवाओं की खेप मुरादाबाद मंडल के क्षेत्र में भेजी जा रही है। दवाएं मुरादाबाद पहुंचने के बाद उत्तराखंड व अन्य जिलों में भी सप्लाई की जाती हैं। हिमाचल प्रदेश के बद्दी और नालागढ़ में देश की प्रतिष्ठित और बड़ी-बड़ी फार्मेसी कंपनियां हैं। यहीं से नकली दवाओं की खेप सप्लाई की जा रही है। मामला दूसरे राज्य से जुड़ा होने के कारण औषधि विभाग ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अफसरों का कहना है कि इस मामले में राज्य सरकार संबंधित प्रदेश सरकार को सूचना देकर कार्रवाई करने की मांग करेगी ताकि नकली दवाओं के रास्ते को बंद किया जा सके।
गौरतलब है कि बीते माह रेती स्ट्रीट गुलाल गली से आठ हजार नशीले इंजेक्शन के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पूर्व अमरोहा के हसनपुर से तीन करोड़ की नकली फिजिशियन सैंपल की दवाओं समेत चार को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, सम्भल के थाना कुढफ़तेहगढ़ से दो लाख की नकली दवा और इंजेक्शन के साथ एक गिरफ्तार हुआ था। गलशहीद में एक करोड़ की नकली फिजिशियन सैंपल की दवाओं के साथ एक व्यक्ति पकड़ा था। इसके अलावा गलशहीद डीके फार्मा से 50 लाख की दवाएं पकड़ी थीं। गलशहीद के ही असालतपुरा से नशीले इंजेक्शन के साथ महिला को पकड़ा गया था। नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह का कहना है कि नकली दवाओं को लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग की ओर से लगातार सतर्कता बरती जा रही है। अभी तक की जांच में नकली दवाओं की खेप मुरादाबाद पहुंचाने में हिमाचल राज्य से तार जुड़े होने के सबूत मिले हैं। इस मामले की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।