हिसार। हिसार जिले के हांसी शहर के बास तहसील के अधिकतर गांवों में लोग बीमार हैं। कोरोना संदिग्ध की रोजाना यहां मौतें हो रही हैं। कोरोना संक्रमितों के केस भी बढ़ रहे हैं। बड़ाला गांव में पिछले एक महीने में 14 लोगों में मौत हो चुकी है। सभी मरीजों में कोरोना की पुष्टि नहीं हो रही हैं। ऐसे दौर में लोगों की जान पर बनी हुई है और कुछ स्वास्थ्यकर्मी अपनी ड्यूटी में कोताही बरत रहे हैं। सुबह बास क्षेत्र के कोविड इंचार्ज डॉक्टर राकेश ने अपनी टीम के साथ बड़ाला गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र पर छापेमारी की तो अस्पताल के गेट पर ताला लटका मिला।
चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल में कार्यरत तीनों स्वास्थ्य कार्यकर्ताओंं के पास फोन किया। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता गीता देवी ने कहा कि वे बस स्टैंड से पैदल आ रही हैं और रास्ते में किसी मरीज के पास बातचीत कर रही हैं। वह तुरंत अस्पताल पहुंच गई। उन्होंने अस्पताल खोल दिया। काफी देर इंतजार करने के बाद छापेमारी करने पहुंचे अधिकारी वापस लौट गए। लेकिन बाकि दोनों स्वास्थ्यकर्मी मौके पर नहीं पहुंच सके। जिस वजह से डॉक्टर राकेश ने दोनों की गैर हाजिरी रजिस्टर में भर दी।
गांववासी ओमप्रकाश ने बताया कि रात को एक कोरोना मरीज की हालत बिगड़ गई। जिस वजह से एक स्वास्थ्यकर्मी से कोरोना मरीज का ब्यौरा मांगा गया। स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने मरीज के परिजनों को उचित जवाब नहीं दिया। जिस वजह से ग्रामीणों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की। अधिकारी मौके पर पहुंचे तो लापरवाही उजागर हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ साल से उनके गांव के स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों के बीच आपसी खींचतान है। जन्म मृत्यु से संबंधित रिकॉर्ड पर अन्य जरूरी काम के लिए कर्मचारी एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेवार ठहराते हैं, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्यकर्मियों के तबादले की मांग की है।
बास क्षेत्र के कोविड इंचार्ज डॉक्टर राकेश ने बताया कि उन्होंने सुबह बड़ाला गांव में छापेमारी की थी। इस दौरान दो कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। तीसरी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता उनकी हाजिरी में ही अस्पताल में पहुंच गई थी। गैरहाजिर कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। मौके पर मौजूद मिले ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर तथा उनके निरीक्षण के दौरान उन्हें जो भी खामियां मिली हैं, इस बारे में एक रिपोर्ट एसएमओ को भेजी जाएगी। उसके बाद विभाग जो कार्रवाई करेगी, वह बाद में बता दी जाएगी।