बरेली। हृदयरोग के मरीजों को दी जाने वाली दवा मेटोप्रोलोल टैबलेट -50 एमजी जांच में अधोमानक पाई गई है। इस दवा का सैंपल भदोही जिले के औषधि विभाग ने जांच के लिए भेजा था। यह लैब टेस्ट में फेल पाया गया है। रिपोर्ट आने केबाद यूपी मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन ने दवा के वितरण पर रोक लगाकर दवा वापस करने को कहा है।

रिलिफ बायोटेक ने की थी सप्लाई

रिलिफ बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने मेटोप्रोलोल टैबलेट- 50 एमजी दवा की सप्लाई करीब दो साल पहले यूपी मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन को की थी। प्रदेश के सभी 75 जिलों को 10 लाख से अधिक टैबलेट सप्लाई की गई थी। बरेली को 20 हजार टैबलेट मिली थी। बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर और खीरी जिले में 10-10 हजार टैबलेट लखनऊ से सप्लाई की गई थी।

यह है मामला

यह दवा डेढ़ साल पहले अस्पतालों में आई थी और तभी से मरीजों को बांटी भी जा रही थी। बीते साल नवंबर में भदोही जिले में औषधि निरीक्षक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने मेटोप्रोलोल दवा का सैंपल जनपद के वेयर हाउस से लिया था। उसकी जांच मेरठ लैब में हुई। जांच रिपोर्ट में दवा अधोमानक निकली है। मेरठ की लैब ने नवंबर माह में ही रिपोर्ट दे दी थी कि मेटोप्रोलोल टैबलेट-50 एमजी जांच में अधोमानक निकली है। इसके बाद भी दवा का वितरण जारी रहा।

दवा के वितरण पर लगाई रोक

फरवरी माह में उप्र मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन ने सभी जिलों के ड्रग वेयर हाउस प्रभारी फार्मासिस्ट को पत्र भेजकर दवा बांटने पर रोक लगाई है। बची हुई दवा को वापस मंगाया गया है। जनपदीय ड्रग वेयर हाउस प्रभारी ने जिला अस्पताल, सीएचसी प्रभारियों को पत्र लिखकर दवा वापस करने को कहा है। उनहोंने बताया कि महाराणा प्रताप संयुक्त जिला चिकित्सालय में भी दवा मेटोप्रोलोल – 50 एमजी की सप्लाई आई थी। फिलहाल अस्पताल में सिर्फ एक पत्ता दवा बची है। उसके वितरण पर रोक लगा दी है।