नई दिल्ली: सुबह की सैर हो, चाहे नाश्ता हेडफोन पर संगीत सुनना जारी रहता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी मेंहम अपने कई दैनिक कार्य हेडफोन लगाए ही निबटा लेते हैं।
हमें यह याद रखना होगा कि हेडफोन का ज्यादा इस्तेमाल सुनने की शक्ति छीन लेेता है। बच्चों के लिए तो यह किसी भी सूरत में सुरक्षित नहीं है। बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को इनके अधिक प्रयोग से बचाकर रखें। यह उन्हें बहरा बना सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादातर हेडफोन में आवाज बढ़ाने की सीमा तय नहीं होती है। घटिया क्वालिटी वाले हेडफोन से कानों को ज्यादा नुकसान होता है।
गैजेट निर्माता अपने प्रोडक्ट के बारे में जो दावे करते हैं, वे सौ फीसदी सही नहीं होते। स्वास्थ्य विभाग ताजा सर्वे में बताया गया है कि 8 से 12 वर्ष उम्र वाले पचास फीसदी बच्चे रोजाना हेडफोन पर संगीत सुनते हैं। संगीत सुनने के लिए वॉल्यूम और अवधि का ख्याल रखना जरूरी है। ऊंची आवाज में संगीत सुनना तो बिल्कुल भी ठीक नहीं।