नई दिल्ली। पूरी दुनिया में इस वक्त कोरोना वायरस एक पहेली बना हुआ है। इस वायरस की चपेट में रोजाना हजारों लोग आ रहे हैं वहीं सैंकड़ों की मौत हो रही है। बावजूद इसके अब तक इस घातक वायरस को लेकर न ही वैक्सीन तैयार हो सका है और न ही कोई ड्रग इजाद हो सकी है। हालांकि भारत सहित कई बड़े देशों के वैज्ञानिक दिन रात वैक्सीन एवं ड्रग तैयार करने पर काम कर रहे हैं। कई जगहों पर क्लिनिकल ट्रायल भी शुरू हो चुका है। हालांकि अब तक सभी कुछ टेस्टिंग स्तर पर ही बना हुआ है। पूर्व में मलेरिया और आर्थराइटिस में देने वाली दवाओं को इस वायरस से इलाज में कारगर माना जा रहा था। अब एक और नया दावा सामने आया है जिसमें कहा गया है कि Hepatitis C और HIV1 की दवा से कोरोना का इलाज संभव है।

जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फॉर इंटर-डिसिप्लिनरी इन बेसिक साइंसेज के डॉ. एम इम्तियाज हसन ने ये दावा किया है। हसन का कहना है कि Hepatitis C बीमारी के लिए उपयोग होने वाली एंटी वायरल ड्रग ग्रेसेप्रवीर और HIV1 से बचाव में प्रयोग होने वाली दवा माराविरोक सार्स-कोव-2 कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए कारगर साबित हो सकती है। प्रो. हसन ने ये भी कहा कि सार्स-कोव-2 वायरस में मौजूद प्रोटीन (मेन प्रोटीएज) के साथ लगभग 2,388 दवाइयों का कंप्यूटर अल्गोरिथम के जरिए विश्लेषण किया गया। 2,388 ड्रग का सार्स-कोव-2 वायरस के प्रोटीन के साथ उपयोग करने के बाद अंत में 10 दवाइयों को चुना गया। इसमें से Hepatitis C और HIV1 के लिए उपयोग होने वाली दवा के नतीजे बेहतर मिले हैं। उनकी यह शोध लाइफ साइंसेज के क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय पत्रिका बायो-साइंस रिपोर्ट में दो दिन पहले प्रकाशित हो चुकी है। प्रो. हसन ने कहा कि अभी क्लीनिकल ट्रायल नहीं हुआ है। इस शोध को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बात करेंगे।