शिमला (हिमाचल प्रदेश)। कोरोना संक्रमण की चपेट में हजारों लोग आ गए हैं। वहीं, सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। कोरोना संक्रमित हॉटस्पॉट को सील किया जा रहा है। वहीं, इस महामारी से हिमाचल प्रदेश भी अछुता नहीं है। कोरोना हॉटस्पॉट बनने के बाद प्रदेश में 45 फार्मा इंडस्ट्री बंद हो गई है। इससे प्रदेश में दवा उत्पादन का काम प्रभावित हुआ है। खास कर हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवाई के उत्पादन पर भी गहरा असर पड़ा है। अभी हाइड्रोक्लोरोक्वीन की मांग देश ही नहीं विदेश में भी है। खुद भारत अमेरिका सहित कई देशों को हाइड्रोक्लोरोक्वीन की सप्लाई कर रहा है। दरअसल, कोरोना मरीजनों के इलाज के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन सबसे ज्यादा कारगर दवाई है। हिमाचल के बद्दी में सबसे ज्यादा दवाई बनानी वाली फैक्ट्रियां हैं, लेकिन बद्दी बरोटिवाला में ही सबसे अधिक क्षेत्र हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। ऐसे में प्रशासन ने इन क्षेत्रों को पूरी तरह से सील करने के आदेश जारी किए हैं। यानि कि यहां पर जरूरी सामान खरीदने के लिए भी किसी को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। यही वजह है कि हिमाचल में फार्मा उद्योगों का काम पूरी तरह से ठप हो गया है।
बता दें कि जयराम ठाकुर सरकार ने हाल ही में फार्मा कंपनियों को काम करने की मंजूरी दी थी। सरकार ने दवाइयों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा था। मंजूरी मिलते ही प्रदेश भर में करीब 350 फार्मा उद्योगों ने काम करना भी शुरू कर दिया था लेकिन बद्दी बरोटिवाला में सबसे अधिक क्षेत्र हॉट स्पॉट चिन्हित किए जाने के बाद काम बंद हो गए। उद्योग विभाग के निदेशक हंस राज शर्मा ने बताया कि बद्दी बरोटीवाला इलाके को हॉटस्पॉट में शामिल किया गया है। ऐसे में इन क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यहां किसी को घर से बाहर निकलने तक की इजाजत नहीं है। हर गतिविधि पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। ऐसे में दवा बनाने वाली करीब 45 फर्मा उद्योग पूरी तरह से बंद हो गए हैं।