आगरा। हॉस्पिटल से कमीशन लेने के मामले में 11 आशा वर्कर्स को दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ संबंधति थानों में केस दर्ज कर लिया गया है।
यह है मामला
स्वास्थ्य विभाग ने आगरा में ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित रॉयल हॉस्पिटल में कमीशन के लिए प्रसुताओं को भेजने वाली 11 आशाओं के खिलाफ संबंधित थानों में केस दर्ज करा दिया है। विभागीय जांच में आशाओं को दोषी पाया गया। वहीं, हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल कर इसे बंद करा दिया है।
रॉयल हॉस्पिटल में आशाओं को बांटे थे गिफ्ट
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 9 दिसंबर 2023 को ट्रांस यमुना कॉलोनी-फेज दो स्थित रॉयल हॉस्पिटल में आशाओं को गिफ्ट बांटे गए थे। आशा वर्कर्स कमीशन के लिए गर्भवती महिलाओं को संबंधित हॉस्पिटल में दाखिल कराती थीं। इसका वीडियो भी वायरल भी हुआ था।
इस मामले में 11 आशाएं चिह्नित हुई थीं। हॉस्पिटल और आशाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। साथ ही केंद्र प्रभारी और बाकी आशाओं को चेतावनी भी दी गई है कि कमीशनखोरी में किसी तरह की सहभागिता मिलने पर सेवाएं भी समाप्त की जाएंगी।
नवजात की मौत मामले की जांच जारी
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रांस यमुना कॉलोनी फेज-एक स्थित एएस चिल्ड्रन हॉस्पिटल में मरीज भर्ती कराने पर सरकारी एंबुलेंस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। इसी हॉस्पिटल के खिलाफ आंवलखेड़ा के किशनपाल ने अपने नवजात की मौत के बाद रुपयों के लिए 11 दिन तक आईसीयू में रखने का आरोप लगाया था।
अस्पताल में मरीज भर्ती करने पर रोक
परिजन ने हंगामा करने के साथ जाम भी लगाया था। इसकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है। मामले की जांच में पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है। फिलहाल अस्पताल में मरीज भर्ती करने पर रोक लगी हुई है।