इंदौर। होम्योपैथी अस्पताल के नाम पर एलोपैथी इलाज किए जाने और बिना रजिस्ट्रेशन के चलाए जा रहे अस्पताल को सील करने की तैयारी है। 50 बिस्तर के इस अस्पताल मेंं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीज भर्ती मिले थे।

मामला सामने आने पर इस अवैध अस्पताल को सील करने की तैयारी की गई है। गौरतलब है कि अस्पताल में इलेक्ट्रोपैथी और होम्योपैथी की आड़ में एलोपैथी की दवाइयां भी बेची जा रही थीं।

बता दें कि आनंद नगर चितावद स्थित देवी अहिल्या हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर में अवैध रूप से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करते पाया गया। इस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया गया है। शिकायत मिलने पर एसडीएम जूनी इंदौर योगेश घनगर ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण में डा. अजय हार्डिया ने खुद को इलेक्ट्रोपैथी और होम्योपैथी कैंसर रोग का विशेषज्ञ बताया। अस्पताल में 13 गंभीर कैसर से पीडि़त मरीज पाए गए। इन्हें अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किए जाने के बाद अस्पताल को सील किया जा सकता है।

अस्पताल में ये मिलीं खामियां

जांच में सामने आया कि अस्पताल में एलोपैथिक दवाइयों का भंडारण और बिक्री भी की जा रही थी। इलेक्ट्रोपैथी और होम्योपैथी की आड़ में मरीजों को बॉटल लगाने, इंजेक्शन देने के साथ-साथ कैंसर का इलाज भी किया जा रहा था। इलेक्ट्रिकल सेफ्टी और फायर सेफ्टी रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया था।

ऑपरेशन करने के भी सबूत मिले

यही नहीं, अस्पताल में मरीजों की केस शीट में जारी पैथालॉजी रिपोर्ट भी संलग्न पाई गई। इससे यह साबित हुआ कि बिना पंजीयन के पैथालॉजी और शल्यक्रिया का प्रयोग किया जा रहा था। यहां मरीजों को एनेस्थिसिया देने के साथ-साथ ऑपरेशन करने के भी सबूत मिले हैं।

जब अस्पताल संचालक से नगर निगम से व्यावसायिक भवन निर्माण अनुमति के दस्तावेज मांगे गए तो वे भी अस्पताल प्रबंधन नहीं दिखा पाया। इन सब खामियों के वलते अस्पताल को सील करने की सिफारिश की गई है। बताया गया है कि सीलिंग की कार्रवाई आदेश मिलते ही तुरंत कर दी जाएगी।