स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैला रहा है सीएमओ के अनुसार अगर प्लेटलेट्स काउंट 10000 से कम ना हो तो उसे प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत नहीं होती है ।
प्लेटलेट्स कम होना डेंगू का ही लक्षण नहीं है। डेंगू पीड़ित मानकर घबराएं नहीं बल्कि जांच कराकर इलाज कराएं।
ऐसा करने से मरीज दवा से रिकवर हो जाएगा। सीएमओ ने कहा कि प्लेटलेट कम हो तो भी लोग घबरा जाते हैं और डेंगू मानने लगते हैं।
टाइफाइड, वायरल फीवर समेत अन्य कई बीमारियों में भी प्लेटलेट तेजी से घटता है। डेंगू की पुष्टि के लिए इलाज जरूरी है। बगैर एलाइजा जांच करें किसी भी मरीज को डेंगू से पीड़ित घोषित नहीं किया जाना चाहिए।
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद्र पांडे ने बताया कि जुलाई में अब तक डेंगू के 9195 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए थे। इनमें से 230 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। बाकी मरीजों में प्लेट मिला लेकिन उन्हें डेंगू नहीं था।