जबलपुर। डॉक्टरी के नाम पर दुकानें खोलकर बैठे तथाकथित चिकित्सकों की अब खैर नहीं। उनकी दुकानें बहुत जल्द बंद होने वाली हैं। ऐसे में झोलाछाप और जेनरिक दवाओं से इलाज कर रहे फर्जी डॉक्टरों को सजा होना तय हो गया है। प्रदेश सरकार इस ओर बड़ा कदम उठाने जा रही है। जबलपुर जिले में सैकड़ों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर दवाखाना खोलकर बैठे हैं। इनसे इलाज करवाने वाले की जिंदगी हर पल दांव पर लगी रहती है। झोलाछाप डॉक्टर्स के इलाज से मरीजों की मौत की गूंज अब तक भोपाल तक पहुंच गई है। फर्जी डॉक्टर्स के गलत इंजेक्शन और दवा खाकर मरीजों को हो रहे नुकसान की शिकायत बढऩे के बाद अब लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग हरकत में आ गया है। कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को फर्जी चिकित्सकों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
पकड़े जाने वाले झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है। विभाग ने अधिकारियों को अभियान के दौरान चिकित्सकों और अस्पतालों के पंजीयन जांच के निर्देश दिए हंै। विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि नाम के आगे डॉक्टर शब्द का प्रयोग केवल क्वालीफाइड डॉक्टर्स ही करें। बिना पंजीयन के चल रहे चिकित्सकीय व्यवसाय जैसे क्लीनिक, अस्पताल, नर्सिंग होम्स, परामर्श केंद्र, पैथोलॉजी, एक्स-रे और सोनोग्राफी सेंटर्स पर तत्काल कार्रवाई के लिए कहा है। विभाग के आदेश के बाद ऐलोपैथी दवा लिखने वाले आयुष डॉक्टर्स में हडक़ंप की स्थिति है। आदेश में कहा गया है कि होम्योपैथी, यूनानी, आयुर्वेद चिकित्सक हो या डेंटिस्ट, जो भी अपनी पैथी से हटकर मरीजों को अन्य पैथी की दवा प्रिस्क्राइब करते हैं, वह अपराध की श्रेणी में है।