मोहाली। मोहाली को रैनबैक्सी के नाम से जाना जाता रहा है। अब रैनबैक्सी का शहर से वजूद खत्म हो गया है। दरअसल, रैनबैक्सी को सनफार्मा कंपनी ने टेकओवर कर लिया है।
अब अगर रैनबैक्सी का कुछ शहर में बचा है तो वो फोर्टिस अस्पताल ही है। कंपनी के पूर्व प्रोमोटर शविंदर मोहन सिंह की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या फोर्टिस से निकाले गए पांच सौ करोड़ के मामले में भी कोई आंच मोहाली फोर्टिस पर भी आएगी। लेकिन इस सब के बीच फोर्टिस के मौजूदा अस्पताल के साथ एक नया अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है। डी-एडिक्शन सेंटर से लैस इस अस्पताल को पंजाब सरकार की ओर से मंजूरी भी दे दी गई है।
गौरतलब है कि मोहाली शहर में रैनबैक्सी का बड़ा प्लांट था। गांव के साथ इस प्लांट को लेकर विवाद भी उठा और एक बार रैनबैक्सी में भीषण आग लगी तो उस समय भी रैनबैक्सी को शिफ्ट करने की मांग उठने लगी थी। करीब आग लगने के दस साल बाद यह कंपनी मोहाली गांव के पास से शिफ्ट कर इंडस्ट्रियल एरिया फेज-8 में डैल कंपनी के सामने स्थापित की गई। यहां पर कंपनी ने काम भी किया, लेकिन अब इस कंपनी को सनफर्मा ने टेकओवर कर लिया है। रैनबैक्सी का मोहाली गांव के पास खाली प्लांट आज भी मौजूद है। सेक्टर-62 की प्राइम लोकेशन पर फोर्टिस अस्पताल पिछले 20 साल से काम कर रहा है। इस अस्पताल की इमारत के साथ ही एक खाली प्लॉट जो फोर्टिस ने कई वर्ष पहले गमाडा से खरीदा था, वहां पर अब पहले अस्पताल के बराबर के एरिया का आधुनिक अस्पताल तैयार किया जा रहा है। डी-अडिक्शन सेंटर से लैस इस अस्पताल को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से भी मंजूरी दे दी है। करीब दो से ढाई हजार करोड़ की लागत से बनने वाले इस अस्पताल को लेकर फोर्टिस काफी उत्साहित है। आने वाले दिनों में एक नया अस्पताल भी बनकर तैयार होगा।