नोएडा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच इस महामारी से कमाई का धंधा भी जोर शोर से चल रहा है। नया मामला नोएडा से सामने आया है, जहां चंद पैसों के लिए प्राइवेट लैब मरीजों को कोरोना पॉजिटिव बता रही थी, जबकि असल में वो कोरोना संक्रमित थे ही नहीं। इसके पीछे कारण प्राइवेट लैब की लापरवाही है जो सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस को ना मानकर अपने हिसाब से सैंपल ले रहे थे। अब इन लैब के खिलाफ कार्रवाई करने की बात प्रशासन द्वारा कही गई है।

मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा में ऐसे 20 से ज्यादा लोग हैं जिन्हें हल्के बुखार, खांसी और ज़ुखाम की शिकायत थी। ये सभी इलाज के लिए अपने-अपने घरों के नजदीक प्राइवेट डॉक्टर्स के पास गए जिन्होंने सभी को कोरोना टेस्ट की सलाह दी। इन लोगों ने प्राइवेट लैब से टेस्ट कराया, कई के घर पर जाकर लैब द्वारा टेस्ट किया गया। सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और इन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। यहां इनकी जब फिर जांच हुई तो रिपोर्ट निगेटिव निकली। तब जाकर सारे मामले का खुलासा हुआ।

जांच में सामने आया कि प्राइवेट लैब के कर्मचारी लोगों के घर जाकर गलत तरीके से सैंपल इकट्ठा कर रहे थे। उन्होंने सैंपल का टेम्परेचर मेंटेन नहीं किया, जिससे गलत रिपोर्ट आई। अब नोएडा प्रशासन को लाइफलाइन लैब, मॉडर्न लैब, स्टार इमेजिंग लैब, oncquest Lab, Accuris Lab की जानकारी मिल चुकी है, जिनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। इनमें से एक लैब के खिलाफ तो मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है।