बहराइच। जिला अस्पताल स्टाफ ने इलाज के दौरान इंजेक्शन के लिए एक बच्चे की मां से 20 रुपए मांगे। मां ने सुबह देने की बात कही तो इंजेक्शन देने से मना कर दिया गया। सुबह बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत पर अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया। डीएम ने अस्पताल आकर मामला जांचा तो अस्पताल के 8 लोगों को सस्पेंड कर दिया। इनमें तीन वार्ड ब्वॉय, सफाई कर्मचारी समेत स्टाफ नर्स को भी सस्पेंड कर दिया गया है। दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
जानकारी के अनुसार जिले के हरदी थाना क्षेत्र की रहने वाली सुमिता पति के साथ अपने 10 महीने के बीमार बेटे कृष्णा को लेकर 7 अगस्त को इलाज के लिए जिला अस्पताल आई थी। यहांं पर डॉक्टर ने खून की कमी होने की बात कहते हुए उसे एडमिट कर दिया और सही तरीके से इलाज भी हो रहा था। बच्चे को देर रात इंजेक्शन लगाना था। मां सुमिता ने वॉर्ड में मौजूद अस्पताल कर्मी से इंजेक्शन लगाने के लिए कहा तो उसने 20 रुपए की मांग कर दी। पैसे सुबह देने की बात पर इंजेक्शन भी सुबह लगाने को कहकर वो चला गया। सुमिता अपने बीमार बेटे को इंजेक्शन लगाने के लिए मिन्नतें करती रही, लेकिन वॉर्ड में मौजूद कर्मी ने मासूम को इंजेक्शन लगाने की जहमत नहींं उठाई। सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर अगली सुबह बच्चे की मौत हो गई। इस बात की जानकारी जैसे ही परिजनों और वहां मौजूद तीमारदारों को हुई तो सभी ने लापरवाही व अवैध वसूली के विरोध में जाम लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह समझाकर लोगों को शांत कराया। हंगामे के बाद सीएमएस ने डॉ. एसपी सिंह को जांच सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने जांच करने में असमर्थता जता दी। इसके चलते सीएमएस ने 3 डॉक्टरों का पैनल तैयार किया और एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद दोषी पर कार्रवाई होगी। मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस ओपी पांडे का कहना था कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। आरोपी पवन नाम के संविदा कर्मी को हटा दिया गया है। वो अस्पताल में साफ-सफाई का काम करता है। किस आधार पर वो वॉर्ड में मौजूद था, इसकी भी जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।